नई
दिल्ली। मार्च महीने में देश में खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 13
फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 1,104,570 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल
मार्च में इनका आयात 980,243 टन का हुआ था। मार्च में खाद्य तेलों का आयात
1,051,698 टन का एवं अखाद्य तेलों का आयात 52,872 टन का हुआ।
साल्वेंट
एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष
2021-22 के पहले पांच महीनों नवंबर 21 से मार्च 22 के दौरान खाद्य एवं
अखाद्य तेलों का कुल आयात 8 फीसदी बढ़कर 5,795,728 टन का हुआ है, जबकि इसके
पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 5,375,003 टन का हुआ था।
रूस
और यूक्रेन के बीच जंग से पहले से लोडिंग हो चुके वैसल मार्च-2022 में देश
में 212,000 टन सूरजमुखी तेल लेकर आये। इनमें मुख्य रूप से यूक्रेन से
(127,000 टन), रूस से (73,500 टन) और अर्जेंटीना से (11,900 टन) सूरजमुखी
तेल आया। लेकिन अप्रैल 2022 में यूक्रेन से कोई शिपमेंट नहीं आने के कारण,
सूरजमुखी तेल का आयात लगभग 80,000 टन तक कम हो गया। इस दौरान मुख्य रूप से
रूस और अर्जेंटीना से ही सूरजमुखी तेल का आयात हुआ। इस दौरान उपलब्धता कम
होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सूरजमुखी के तेल की कीमतें बढ़कर
2200 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच गई, जिससे इसकी खपत में भी कमी आई।
अत: इस कमी को आंशिक रूप से दक्षिण भारत में पामोलिन, सोयाबीन तेल, मूंगफली
तेल जैसे अन्य खाद्य तेलों और उत्तर भारत में रिफाइंड सरसों तेल और राइस
ब्रान तेल ने पूरी की की। साथ ही महीनेभर के दौरान सोया तेल, सन ऑयल, पाम
ऑयल और अन्य खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट आई है, जिससे उपभोक्ताओं को
कुछ राहत मिली है।
फरवरी के मुकाबले मार्च में भारतीय बंदरगाह पर
आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में भारी तेजी दर्ज की गई। मार्च में आरबीडी
पॉमोलीन का भाव बढ़कर 1,812 डॉलर प्रति टन भारतीय बंदरगाह पर हो गया, जबकि
फरवरी में इसका भाव 1,581 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल का
भाव मार्च में भारतीय बंदरगाह पर बढ़कर 1,828 डॉलर प्रति टन के स्तर पर
पहुंच गया, जबकि फरवरी में इसका भाव 1,594 डॉलर प्रति टन था।
19 अप्रैल 2022
मार्च में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 13 फीसदी बढ़ा - एसईए
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