नई
दिल्ली। विदेशी बाजार में दाम नीचे होने के कारण पहली अक्टूबर 2021 से
चालू हुए फसल सीजन की पहली छमाही अक्टूबर-21 से मार्च-22 के दौरान देश से
सोया डीओसी के निर्यात में 71.06 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात केवल
4.72 लाख टन का ही हुआ है। पिछले फसल सीजन की समान अवधि में इसका निर्यात
16.31 लाख टन का हुआ था
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया,
सोपा के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में
भारतीय सोया खली के भाव अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना के मुकाबले ऊंचे
बने हुए हैं, जिसका असर भारतीय डीओसी के निर्यात पर पड़ा है। सोपा के
अनुसार चालू फसल सीजन के पहले छह महीनों में सोया डीओसी का आयात बढ़कर 4.40
लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले फसल सीजन की समान अवधि में इसका आयात केवल
0.06 लाख टन का ही हुआ था।
सोपा के अनुसार चालू फसल सीजन में
सोयाबीन का उत्पादन 118.89 लाख टन का हुआ था, जबकि नई फसल की आवकों के समय
1.83 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था, अत: कुल उपलब्धता 120.72 लाख टन की
बैठी थी, जोकि पिछले साल के 109.71 लाख टन से ज्यादा थी।
मार्च
अंत तक उत्पादक मंडियों में 61 लाख टन सोयाबीन की आवक हो चुकी है, जोकि
पिछले साल की समान अवधि के 74.75 टन से कम है। चालू फसल सीजन में मार्च अंत
तक करीब 40.50 लाख टन सोयाबीन की क्रेसिंग हो चुकी है तथा 1.40 लाख टन की
खपत डायरेक्ट हुई है। इस दौरान 0.27 लाख टन सोयाबीन का आयात हुआ है अत:
पहली अप्रैल को देश के किसानों, व्यापारियों एवं प्लांटों के पास 67.45 लाख
टन सोयाबीन का स्टॉक बचा हुआ है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 32.17
लाख टन से ज्यादा है।
12 अप्रैल 2022
चालू फसल सीजन की पहली छमाही में सोया डीओसी का निर्यात 71 फीसदी घटा - सोपा
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