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15 मार्च 2022

आयातित के साथ देसी दलहन में गिरावट, रबी फसल की आवक बढ़ने से कीमतों पर दबाव

नई दिल्ली। रबी दलहन की आवक उत्पादक मंडियों में बढ़ने से अधिकांशों दालों की कीमतों में सोमवार को गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार मिलर्स केवल जरुरत के हिसाब से दालों की खरीद कर रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण आयातकों की बिकवाली भी बराबर बनी हुई है। होली के त्यौहार के कारण चालू सप्ताह में दालों की आवक कम रहेगी, लेकिन मिलों की मांग भी सीमित रहने से इनके भाव में तेजी के आसार नहीं है।

जानकारों के अनुसार मसूर की कीमतों में ऊपर से 800 से 900 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आ चुका है, जबकि चना में भी 250 से 350 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया है तथा मौजूदा भाव में भी ग्राहकी कमजोर ही बनी हुई है। इसलिए इनके भाव में अभी तेजी के आसार नहीं है। मौसम फसल के अनुकूल है इसलिए उत्पादक राज्यों में रबी दलहन की प्रमुख फसल चना, मसूर, मटर, मूंग और उड़द की आवक होली के बाद और बढ़ेगी।

उत्पादक मंडियों में नए चना एवं मसूर की आवक आवक बढ़ने से जहां उत्पादक मंडियों में देसी चना के दाम 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल कमजोर हो गए, वहीं देसी मसूर के दाम भी 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल घट गए। महाराष्ट्र की अमरावती मंडी में नए चना की आवक बढ़कर 16 से 17 हजार क्विंटल की हुई जबकि भाव 4,450 से 4,700 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार रहे।  

उत्तर प्रदेश में नई सफेद मटर की कुल आवक बढ़कर 17,000-18,000 क्विंटल की हो गई है, तथा नए मालों में नमी की मात्रा 14 से 15 फीसदी तक आ रही है। नई सफेद मटर के भाव में आज 100 से 200 रुपये की गिरावट आकर उत्तर प्रदेश लाईन के मालों के भाव 4,750 से 5,100 रुपये क्विंटल रह गए, जबकि मध्य प्रदेश के मालों के भाव 4,650-5,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। अनुकूल मौसम से क्वालिटी तो अच्छी है ही, साथ ही उत्पादकता भी ज्यादा बैठ रही है। होली के त्योहार के बाद आवक बढ़ने की संभावना है।

बर्मा की लेमन अरहर 2021 की कीमतों में दिल्ली में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,775 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। लेमन अरहर 2022 की फसल के भाव इस दौरान 50 रुपये कमजोर होकर भाव 6,650-6,675 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर नई के भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,350-6,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दूसरी और मुंबई में तंजानिया की अरुषा और मटवारा अरहर के दाम क्रमश: 5,500 से 5,600 रुपये और 5,450 से 5,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। मलावी अरहर के दाम भी 4,900-5,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। मोजाम्बिक लाईन की गजरी अरहर की कीमतें 5,450-5,500 रुपये और सूडान की अरहर के दाम 6,500 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश:  6,700 रुपये और 7,300 से 7,325 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई के भाव 6,550 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, लेकिन इन भाव में ग्राहकी कमजोर रही।

चेन्नई में एसक्यू उड़द हाजिर डिलीवरी के भाव 6,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, लेकिन एसक्यू 2022 की फसल के भाव में 75 रुपये का मंदा आकर भाव 6,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।  

दाल मिलों की मांग कमजोर होने के कारण दिल्ली में मध्य प्रदेश की कीमतों में 150 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,500 रुपये एवं प्रति क्विंटल रह गए। कनाडा की मसूर का बकाया स्टॉक नहीं होने के कारण कोई व्यापार नहीं हुआ।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा की मसूर के हजिरा बदरगाह पर साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम कंटेनर और वैसल में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए।

हजिरा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के दाम घटकर 6,575 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव कंटेनर में घटकर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कनाडा की मसूर के भाव कंटेनर में 6,750 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

दिल्ली में चना के भाव में 75 से 100 रुपये का मंदा आकर राजस्थानी चना के दाम 5,075 से 5,100 रुपये ओर मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

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