नई
दिल्ली। विदेशी बाजार में गेहूं के भाव में चल ही रही तेजी से घरेलू बाजार
में इसके भाव लगातार तेज हो रहे हैं। कांडला बंदरगाह पर बुधवार को गेहूं
के भाव 20 रुपये बढ़कर 2,220 रुपये और गांधीधाम में फॉरवर्ड में भाव 40
रुपये तेज होकर व्यापार 2,290 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।
यूक्रेन
संकट के चलते शिकागों में गेहूं के भाव 10.11 डॉलर प्रति बुशेल यानी 2,810
रुपये प्रति क्विंटल के ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं। इसलिए भारत से गेहूं
निर्यात के अच्छे पड़ते लग रहे हैं। ब्लैक सी के जरिए किसी भी तरह का
निर्यात नहीं हो पा रहा है। ऐसे में बाजार में लगातार में गेहूं की कीमतें
बढ़ने लगी है। व्यापारियों के अनुसार युद्ध यदि जारी रहा तो गेहूं की
मौजूदा कीमतों में और भी तेजी बन सकती है।
रूस और यूक्रेन के बीच
जारी महायुद्ध का असर अब दुनिया में महंगाई के तौर पर भी दिखने लगा है।
जानकारों के अनुसार आने वाले दिनों में इसके चलते खाद्यान्न की कीमतों में
बड़ा इजाफा हो सकता है। शिकागो में गेहूं का दाम 14 साल के शीर्ष पर पहुंच
गए हैं, जोकि 2008 के बाद गेहूं यह सबसे ऊंचा रेट है। महीने भर से ही गेहूं
के दाम में तेजी देखने को मिल रही थी, लेकिन रूस की ओर से यूक्रेन पर हमला
किए जाने के बाद इसकी कीमतों में भारी तेजी आई है।
रूस और यूक्रेन
में बड़े पैमाने पर गेहूं का उत्पादन होता है तथा इन देशों में युद्ध शुरू
होने के बाद से इसकी सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। एक तरफ रूस पर पश्चिमी
देशों ने कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं तो वहीं यूक्रेन अब निर्यात की
स्थिति में नहीं है। इसी के चलते गेहूं की कीमतें विश्व बाजार में महीनेभर
में ही 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुकी हैं। मालूम हो कि रूस और यूक्रेन मिलकर
दुनिया का एक चौथाई खाद्यान्न निर्यात करते हैं। लेकिन युद्ध ने दोनों ही
देशों के कारोबारों को प्रभावित किया है। रूस के हमले के बाद से कार्गो शिप
जहां के तहां खड़े हैं तथा दोनों देशों का कारोबार थम गया है।
विदेश
में दाम तेज होने से घरेलू मंडियों में भी गेहूं की कीमतों में तेजी बनी
हुई है। व्यापारियों के अनुसार होली के बाद उत्पादक मंडियों में नए गेहूं
की आवक बढ़ेगी, लेकिन विश्व बाजार में दाम तेज रहे तो फिर निर्यातकों की
मांग बनी रहेगी। ऐसे में हाजिर बाजार में भी भाव अभी तेज ही बने रहने की
उम्मीद है। दिल्ली में उत्तर प्रदेश लाईन के गेहूं का भाव 2,300 रुपये,
मध्य प्रदेश के गेहूं का भाव 2,280 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए तथा दैनिक
आवक 4,000 बोरियों की हुई।
चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 9
महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान गेहूं का निर्यात बढ़कर 50.41 लाख टन का
हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल
10.69 लाख टन का ही हुआ था।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान
के अनुसार चालू रबी सीजन में देश में गेहूं का उत्पादन बढ़कर 11.13 करोड़
टन होने का अनुमान है, जोकि पिछले साल के 10.95 करोड़ टन से ज्यादा है।
03 मार्च 2022
विदेश में भाव बढ़ने से घरेलू बाजार में गेहूं तेज, होली के बाद बढ़ेगी नई फसल की आवक
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें