नई दिल्ली। घरेलू
बाजार में कीमतें ज्यादा होने के कारण फरवरी में डीओसी के निर्यात में 53
फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 187,320 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले
साल की समान अवधि में इनका निर्यात 397,517 टन का हुआ था।
साल्वेंट
एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू वित्त वर्ष
2021-22 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान डीओसी के निर्यात में
37 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 2,131,360 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले
वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 3,366,633 टन का हुआ था।
एसईए
के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2021-22 के, पहले 11 महीनों (अप्रैल-21 से
फरवरी-22) के दौरान सबसे ज्यादा कमी सोया डीओसी के निर्यात में आई है।
घरेलू बाजार में कीमतें सोयाबीन के दाम ज्यादा थे, जिस कारण डीओसी की
कीमतें विश्व बाजार में भारत की तुलना में कम थी। चालू वित्त वर्ष के पहले
11 महीनों में सोया डीओसी का निर्यात घटकर 348,868 टन का ही हुआ है, जबकि
पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 1,418,454 टन का हुआ था।
इसी तरह से सरसों डीओसी का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में
घटकर 772,423 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में
इसका निर्यात 1,028,745 टन का हुआ था।
जनवरी के मुकाबले फरवरी में
भारतीय बंदरगाह पर जहां सोया और केस्टर डीओसी की कीमतों में तेजी आई है,
वहीं सरसों डीओसी के दाम कम हुए हैं। भारतीय बंदरगाह पर सोया डीओसी के भाव
जनवरी में 760 डॉलर प्रति टन थे, जोकि फरवरी में बढ़कर 776 डॉलर प्रति टन
हो गए। इसी तरह से केस्टर डीओसी के भाव जनवरी के 159 डॉलर से बढ़कर फरवरी
में 170 डॉलर प्रति टन हो गए। सरसों डीओसी के दाम फरवरी में बंदरगाह पर
घटकर 314 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि जनवरी में इसके भाव 337 डॉलर प्रति टन
थे।
22 मार्च 2022
फरवरी में डीओसी का निर्यात 53 फीसदी घटा - उद्योग
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