नई
दिल्ली। फरवरी
में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 22 फीसदी बढ़कर 1,019,997 टन का हुआ
है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनका आयात 838,607 टन का हुआ था।
साल्वेंट
एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष
नवंबर-21 से अक्टूबर-22 के पहले चार महीनों नवंबर-21 से फरवरी-22 के दौरान
देश में खाद्य तेलों का आयात 7 फीसदी बढ़कर 4,691,158 टन का हुआ है, जबकि
पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 4,394,760 टन का ही हुआ था।
चालू तेल वर्ष के पहले चार महीनोे में जहां खाद्य तेलों का आयात 4,591,220
टन का हुआ है, वहीं 99,938 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ है।
एसईए के
अनुसार भारत आमतौर पर प्रति माह लगभग 175,000/200,000 टन सूरजमुखी तेल का
आयात करता है। रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष ने सूरजमुखी तेल की आपूर्ति को
प्रभावित किया है। फरवरी '22 में, लगभग 152,000 टन सूरजमुखी तेल भारत में
आया था, जबकि मार्च ’22 में भी इतना ही आयात होने का अनुमान है। क्योंकि
युद्ध से पहले भारत के लिए रवाना हो चुके जहाज चालू महीने के दौरान भारतीय
बंदरगाहों पर पहुंचेंगे। यदि युद्ध जारी रहता है, तो बाद के महीनों में
सूरजमुखी तेल के शिपमेंट में गिरावट आ सकती है, हालांकि, सोयाबीन और सरसों
के तेल की घरेलू उपलब्धता ज्यादा है, जिस कारण सूरजमुखी तेल की उपलब्धता
में कमी को पूरा किया जा सकता है।
उधर, 9 मार्च को इंडोनेशियाई
सरकार द्वारा घरेलू बिक्री की सीमा को 20 फीसदी से बढ़ाकर 30 फसीदी करने की
घोषणा से इंडोनेशियाई निर्यात की मात्रा और कम हो जाएगी और वैश्विक
निर्यात आपूर्ति में कमी आएगी। इन दो कारकों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार
में पिछले कुछ दिनों में खाद्य तेल की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव आया है।
विश्व
बाजार में दाम तेज होने के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों
में जनवरी के मुकाबले फरवरी में तेजी आई है। फरवरी में आरबीडी पॉमोलीन के
दाम बढ़कर भारतीय बंदरगाह पर 1,581 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि जनवरी में
इसका भाव 1,490 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल का भाव जनवरी
के 1,510 डॉलर से बढ़कर फरवरी में भाव 1,594 डॉलर प्रति टन हो गया। क्रुड
सोयाबीन तेल का भाव इस दौरान 1,506 डॉलर से बढ़कर 1,595 डॉलर प्रति टन के
स्तर पर पहुंच गया।
15 मार्च 2022
फरवरी में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 22 फीसदी बढ़ा - एसईए
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