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29 अक्टूबर 2021

उत्तर प्रदेश में दीपावली बाद शुरू होगी गन्ने की पेराई, किसान कोल्हुओं को सस्ता गन्ने बेचने को मजबूर

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में गन्ने की पेराई आरंभ होने में हो देरी का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। गेहूं की बिजाई के लिए खेत करने वाले किसानों को गन्ना कोल्हुओं को राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) से 80 से 100 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचना पड़ रहा है। आमतौर पर राज्य की चीनी मिलें 15 अक्टूबर के बाद गन्ने की पेराई आरंभ कर देती है, लेकिन चीनी के दाम नीचे होने के साथ ही नकदी की किल्लत के कारण मिलें पेराई देर से आरंभ करना चाहती है।

सूत्रों के अनुसार पिछले महीने गन्ने का मूल्य (एसएपी) 25 रुपये बढ़ाकर 350 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किए जाने के बाद राज्य सरकार मिलों में जल्द पेराई शुरू कराना चाहती थी। राज्य के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने पिछले महीने कहा था कि राज्य की गन्ना मिलें 20 अक्टूबर से पेराई आरंभ कर देंगी। कुछ मिलों ने अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में पेराई शुरू करने की तैयारी भी की थी, लेकिन हाल की बारिश के चलते उन्होंने पेराई दिवाली तक के लिए टाल दी है।

सूत्रों के अनुसार राज्य की चीनी मिलें दीपावली से पहले पेराई शुरू करने की इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि चालू महीने में चीनी की कीमतों में सुधार आया था, जिस कारण मिलें पुराना स्टॉक हल्का करना चाहती है। वैसे भी पेराई जल्दी शुरू करने से चीनी मिलों पर किसानों के बकाया भुगतान का दबाव भी बढ़ जाएगा। मालूम हो कि पेराई सीजन 2020-21 का बकाया भी राज्य की चीनी मिलों पर अभी बचा हुआ है।

ब्राजील में उत्पादन घटने की संभावना से विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में सुधार आया है, लेकिन हाजिर बाजार में दाम स्थिर बने रहे। आईसीई मार्च रॉ शुगर 0.27 सेंट यानी 1.4 फीसदी बढ़कर 19.26 सेंट प्रति पाउंड पर पहुंच गया। दिसंबर व्हाइट शुगर फ्यूचर्स 5.90 डॉलर बढ़कर 511.30 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया। महाराष्ट्र और बंदरगाह के पास वाले राज्यों की मिलें निर्यात के लिए रॉ शुगर 3,050 से 3,100 रुपये और व्हाइट शुगर 3,200 से 3,250 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेचन रही है, लेकिन निर्यात सौदे नहीं के बराबर हो रहे हैं।

उत्तर भारत के थोक बाजारों में चीनी की मांग सुस्त होने के दाम स्थिर बने रहे। कमजोर मांग को देखते हुए हुए आगे चीनी की कीमतों में नरमी बनने की उम्मीद है, वैसे भी दीपावली की मांग लगभग पूरी हो चुकी है। उधर दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों के थोक बाजारों में भी मांग कमजोर होने से आज कीमतें स्थिर बनी रही।

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