नई
दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण मंगलवार को दिल्ली में बर्मा की अरहर, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट
दर्ज की गई।
व्यापारियों के बाजार में धन की तंगी होने के कारण
त्यौहारी सीजन के पहले दालों की खुदरा और थोक मांग कमजोर बनी हुई है। इसके
अलावा, सरकारी नीतियों में बदलाव और हस्तक्षेप के कारण व्यापार सीमित
मात्रा में ही हो रहा है। मिलर्स, व्यापारी और स्टॉकिस्ट केवल जरुरत के
हिसाब ही खरीद कर रहे हैं।
आने वाले दिनों में उत्पादक मंडियों में
खरीफ फसलों की आवक बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि त्यौहारी सीजन शुरू हो रहा
है, जिस कारण किसानी माल की बिकवाली बढ़ेगी, किसानों को रबी फसलों की बुआई
के लिए भी पैसों की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा विदेशों से दाल की आपूर्ति का
दबाव भी बना रहेगा।
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण
दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर नई के भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव
6,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि पुरानी के दाम इस दौरान 6,300 रुपये
प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
हाजिर बाजार में अफ्रीका की अरहर
सस्ती है, साथ ही आगे आयातित अरहर की आवक भी बढ़ेगी, इसलिए इसकी कीमतों पर
दबाव देखा गया। इसके अलावा, अफ्रीका की अरहर में नमी की मात्रा 22-23 फीसदी
से ज्यादा होने के कारण क्वालिटी हल्की है।
दाल मिलों की हाजिर
खरीद कमजोर होने के कारण दिल्ली में बर्मा उड़द एसक्यू पुरानी और नई की
कीमतों में 50-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 8,075 रुपये और 8,100 से
8,125 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह उड़द एफएक्यू के भाव में भी 50
रुपये की गिरावट आकर भाव 7,125 से 7,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द के भाव क्वालिटीनुसार 6,000 से 7,500 रुपये
प्रति क्विंटल पर व्यापार कर रहे हैं। इसके अलावा, नेफेड मध्य प्रदेश,
उत्तर प्रदेश और राजस्थान में उड़द के पुराने स्टॉक की बिकवाली कर रही है।
इस
बीच, नई खरीफ उड़द की जो आवक मंडियों में हो रही है, उसकी क्वालिटी काफी
हल्की है जबकि मिलर्स एवं व्यापारी अच्छी गुणवत्ता की नई उड़द खरीद रहे
हैं। खरीफ की उड़द की कटाई के दौरान बारिश और कीटों के हमले के कारण
क्वालिटी के साथ उत्पादकता में कई क्षेत्रों में 50-60 फीसदी तक का नुकसान
होने के कारण अच्छी क्वालिटी की उड़द की कीमतों में ज्यादा मंदे की उम्मीद
नहीं है।
दाल मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में मध्य प्रदेश की
मसूर की कीमतों में 100 रुपये की गिरावट आकर भाव 7,600 रुपये प्रति क्विंटल
रह गए, जबकि कनाडा की मसूर के दाम इस दौरान 7,450 रुपये प्रति क्विंटल पर
स्थिर बने रहे।
नेफेड ने आयातित मसूर की खरीद
हाजिर बाजार से कर रही है लेकिन व्यापारियों को डर है कि नेफेड आगे इसके
भाव घटाकर बिकवाली कर सकती है।
12 अक्टूबर 2021
मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में बर्मा की अरहर, उड़द एवं मसूर में मंदा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें