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30 अक्तूबर 2021

मुंबई में आयातित उड़द एवं चना की कीमतों में नरमी, काबुली चना में सुधार, अरहर और मसूर स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण शनिवार को मुंबई में आयातित उड़द के साथ ही चना की कीमतों में नरमी आई, जबकि काबुली चना के भाव में सुधार आया। अरहर के साथ ही मसूर की कीमतें स्थिर बनी रही।

सरकार के हस्तक्षेप और नीतियों के कारण दलहन बाजार में दबाव है। व्यापारियों के अनुसार मिलर्स, व्यापारी एवं स्टॉकिस्टों के साथ-साथ किसानों की दीपावली से पहले बिकवाली बढ़ने से दालों की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। दालों की थोक के साथ ही खुदरा मांग सीमित बनी हुई है, हालांकि व्यापारियों के अनुसार त्यौहारी सीजन चल रहा है, इसलिए आगे दालों की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है।

स्थानीय मिलों की मांग कमजोर होने से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 6,850 रुपये और 6,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसके अलावा, नेफेड मध्य प्रदेश में अपने पुराने स्टॉक की बिकवाली कर रही है। इस बीच, मौसम साफ होने से नई खरीफ उड़द की आवक बढ़ी है, हालांकि नई फसल की क्वालिटी काफी हल्की है, जबकि मिलर्स और व्यापारी अच्छी क्वालिटी की नई उड़द की खरीद कर रहे हैं। दिवाली के त्योहार के लिए नवंबर के पहले सप्ताह के दौरान प्रमुख बाजार बंद रहेंगे, इसलिए घरेलू मंडियों में में आवक कम रहेगी।

स्थानीय मिलों की मांग सुधरने से मुंबई में सूडान और रुस के काबुली चना के भाव में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 5,150 से 5,300 रुपये और 4,750 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सूडान में काबुली चना की नई फसल आ रही है, लेकिन काबुली चना के आयात पर 40 फीसदी आयात शुल्क होने के कारण आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं।

तंजानिया के चना में दाल मिल की हाजिर मांग कमजोर होने भाव में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 4,800-4,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि, मध्य प्रदेश में नेफेड के द्वारा खरीदे हुए पुराने वर्ष-2018 और वर्ष-2019 चने का बकाया स्टॉक नगण्य है, जबकि वर्ष-2020 के चना की क्वालिटी हल्की है।

दाल मिलों की सीमित खरीद के कारण कनाडा की मसूर मुंद्रा और हजीरा बंदरगाह पर क्रमश:  7,000 से 7,050 रुपये और 7,050-7,125 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम मुंबई में 7,150 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मिलों की खरीद कम होने के कारण मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर नई के भाव 6,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इसी तरह से सूडान की अरहर के भाव भी 6,150 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। तंजानिया की मटवारा अरहर की कीमतें 5,400 रुपये और तंजानिया लाईन की अरुषा अरहर के दाम 5,400 से 5,450 रुपये तथा मोजाम्बिक लाईन की गजरी किस्म के दाम 5,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

व्यापारियों के अनुसार हाजिर बाजार में अफ्रीका की सस्ती अरहर की उपलब्धता ज्यादा है साथ्घ ही नियमित आवक बनी हुई है। अफ्रीका की अरहर की क्वालिटी हल्की है, जिस कारण हाजिर बाजार में अरहर की कीमतों पर दबाव है।

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