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18 अक्तूबर 2021

बर्मा और सूडान की अरहर मुंबई में तेज, कनाडा की मसूर के भाव हजिरा बंदरगाह पर बढ़े

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर बढ़ने के कारण सोमवार को मुंबई में बर्मा और सूडान की अरहर के भाव तेज हो गए, जबकि कनाडा की मसूर की कीमतों में हजिरा बंदगाहर पर सुधार आया।

दालों की थोक के साथ ही खुदरा मांग सीमित मात्रा में ही बनी हुई है। हालांकि त्यौहारी सीजन के कारण आगे इनकी मांग में सुधार आने का अनुमान है।

मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर नई की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इसी तरह से सूडान की अरहर के भाव भी 50 रुपये बढ़कर 6,450 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दूसरे और मिलों की सीमित मांग से मटवारा किस्म की अरहर के भाव 5,400 से 5,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इसी तरह से मोजाम्बिक लाईन की गजरी अरहर के भाव 5,400 रुपये प्रति क्विंटल और अरुषा अरहर की भाव 5,500 से 5,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

जानकारों के अनुसार मिलर्स बर्मा की अरहर के साथ ही देसी अरहर की खरीद, अफ्रीका की अरहर की तुलना में ज्यादा कर रहे हैं। हाजिर बाजार में अफ्रीका की सस्ती अरहर की उपलब्धता के साथ ही आगे आने वाली नीचे भाव की अरहर से कीमतों में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। अफ्रीका की अरहर की क्वालिटी हल्की है, तथा नमी की मात्रा भी ज्यादा है।

अफ्रीका से 6,853.704 टन मलावी अरहर और 25,385.307 टन मोज़ाम्बिक अरहर लेकर आए वेसल से 18 अक्टूबर तक 19,089 टन माल को मुंबई बंदरगाह पर डिस्चार्ज कर दिया है।

एक वेसल जोकि 1,953.900 टन मोज़ाम्बिक मूंग और 27,617.625 टन मोज़ाम्बिक अरहर लेकर आया हुआ है, इस वैसल से मुंबई बंदरगाह पर 18 अक्टूबर 6,480 टन माल को मुंबई बंदरगाह पर डिस्चार्ज कर दिया है।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की मसूर के भाव हजीरा बंदरगाह पर 25 रुपये प्रति क्विंटल तेज होकर भाव 7,300-7,375 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि सूत्रों के अनुसार, नेफेड आयातकों से लगातार मसूर की खरीद हाजिर बाजार से कर रही है लेकिन व्यापारियों को डर है कि कहीं नेफेड आगे खरीद हुई मसूर को नीचे दाम पर न बेच दे।

मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतें क्रमशः 7,075 रुपये और 6,975 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। व्यापारियों के अनुसार उड़द दाल में ग्राहकी कमजोर है हालांकि कई राज्यों में हुई बारिश से खरीफ उड़द की फसल को नुकसान हुआ है जिस कारण क्वालिटी काफी हल्की आ रही है।

तंजानिया के चना में दाल मिल की सीमित मांग से भाव 4,800-5,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। नेफेड के साथ ही भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई लगातार केंद्रीय पूल से चना की बिकवाली कर रही हैं।

स्थानीय मिलों की सीमित मांग से मुंबई में रुस और सूडान के काबुली चना के भाव क्रमश: 4,800 से 5,000 रुपये और 5,250 से 5,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। काबुली चना के आयात पर 40 फीसदी आयात शुल्क होने के कारण आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं।

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