नई
दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण गुरूवार को मुंबई में
शुरूआती कारोबार में बर्मा की अरहर, उड़द के साथ ही मसूर और तंजानियां के
चना एवं काबुली चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। त्यौहारी सीजन शुरू
होने से पहले दालों की थोक के साथ ही खुदरा मांग कमजोर ही बनी हुई है।
दाल
मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण बर्मा की लेमन अरहर नई के साथ ही
पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,250 रुपये और
6,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दूसरी और मुंबई में मोजाम्बिक
लाईन की गजरी अरहर के भाव 5,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इस
दौरान तंजानिया की अरुषा अरहर के साथ ही सूडान की अरहर के भाव क्रमश: 5,650
से 5,700 रुपये और 6,500 से 6,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मटवारा की अरहर के भाव 5,600 से 5,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने
रहे।
व्यापारियों के अनुसार हाजिर बाजार में अफ्रीका की सस्ती
अरहर की उपलब्धता के साथ ही आगे आने वाली नीचे भाव की अरहर से कीमतों में
हल्का सुधार ही आया। जानकारों के अनुसार नमी ज्यादा होने के कारण अफ्रीका
की अरहर की क्वालिटी हल्की है। अफ्रीकी अरहर का वैसल मुंबई पहुंचा है।
स्थानीय
मिलों की कमजोर मांग से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की
कीमतों में 25-25 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 7,000 से 7,025 रुपये और
6,900 से 6,925 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। व्यापारियों के अनुसार उड़द दाल
में ग्राहकी कमजोर है लेकिन कई राज्यों में हुई बारिश से खरीफ उड़द की फसल
को नुकसान हुआ है। नेफेड मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अपने
पुराने स्टॉक की बिकवाली कर रही है।
नई खरीफ उड़द की जो आवक उत्पादक
मंडियों में हो रही है, उसकी क्वालिटी काफी हल्की जबकि मिलर्स और व्यापारी
अच्छी क्वालिटी की नई उड़द की खरीद कर रहे हैं। बारिश और कीटों के हमले
से खरीफ उड़द की फसल को कई क्षेत्रों में 50 से 60 फीसदी तक नुकसान होने की
आशंका है, साथ ही नई फसल में नमी की मात्रा भी 20 से 25 फीसदी की आ रही
है, अत: अच्छी क्वालिटी की उड़द में मिलों की मांग बनी रहने की उम्मीद है।
कनाडा
की मसूर के भाव में मुंद्रा और हजीरा बंदरगाह पर 50-50 रुपये की गिरावट
आकर कीमतें क्रमश: 7,200-7,250 रुपये और 7,250-7,300 रुपये प्रति क्विंटल
रह गई। हालांकि नेफेड आयातकों से लगातार मसूर की खरीद हाजिर बाजार से कर
रही है।
तंजानिया के चना में दाल मिल की हाजिर मांग कमजोर होने से
भाव में 25 रुपये की तेजी आकर भाव 4,850 से 5,050 रुपये प्रति क्विंटल रह
गए। नेफेड के साथ ही भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई लगातार केंद्रीय पूल से चना
की बिकवाली कर रही हैं।
स्थानीय मिलों की हाजिर कमजोर होने के कारण
मुंबई में सूडान और रुस के काबुली चना के भाव में 50-50 रुपये की गिरावट
आकर भाव क्रमश: 5,450 से 5,600 रुपये और 4,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
काबुली चना के आयात पर 40 फीसदी आयात शुल्क होने के कारण आयात पड़ते नहीं
लग रहे हैं।
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