आर एस राणा
नई दिल्ली। प्याज की थोक कीमतों में आई गिरावट के बाद केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर लगी रोक को हटाने का फैसला किया है। रबी सीजन में प्याज का उत्पादन अनुमान ज्यादा होने का अनुमान है, जिससे इसकी मौजूदा कीमतों में और मंदा आने का अनुमान है। महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज के थोक दाम घटकर 17 से 21 रुपये प्रति किलो रह गए हैं।
सूत्रों के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक में प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय किया गया। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि चूंकि प्याज की कीमत स्थिर हो गई है और प्याज की भारी पैदावार हुई है, इसलिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। पिछले साल मार्च के महीने 28.4 लाख टन प्याज के पैदावार की तुलना में चालू रबी में मार्च में 40 लाख टन से अधिक की पैदावार आने की संभावना है।
डीजीएफटी जल्द जारी करेगी अधिसूचना
प्रतिबंध को हटाने का निर्णय विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी किए जाने के बाद प्रभावी होगा तथा जल्दी ही अधिसूचना जारी होगी। सूत्रों ने कहा कि बुधवार को मंत्रिसमूह ने निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) कम करने या समाप्त करने के बारे में भी विचार किया। एमईपी दर के नीचे किसी वस्तु के निर्यात की अनुमति नहीं होती है। बैठक में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और मंत्रिमंडलीय सचिव राजीव गौबा उपस्थित थे।
सितंबर 2019 में प्याज के निर्यात पर लगाई थी रोक
सितंबर 2019 में, सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और प्रति टन प्याज पर 850 डॉलर का एमईपी भी लगा दिया था। उस समय मांग और आपूर्ति में अंतर होने के कारण प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी थीं। महाराष्ट्र सहित प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में अत्याधिक बारिश और बाढ़ के कारण खरीफ प्याज फसल के प्रभावित होने से प्याज के उत्पादन में कमी आई थी। रबी प्याज की फसल की आवक मंडियों में शुरू हो गई है और मध्य मार्च से दैनिक आवक बढ़ने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, मार्च में ही प्याज की आवक 40.68 लाख टन के लगभग होने की उम्मीद है जो आवक पिछले वर्ष की समान अवधि में 28.44 लाख टन था। उन्होंने कहा कि अप्रैल में मंडियों में प्याज की आवक 86 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है, जो साल भर पहले यह 61 लाख टन था। सूत्रों ने कहा कि प्याज के निर्यात से घरेलू कीमतों में भारी गिरावट के रुकने की संभावना है और इससे उत्पादकों के हितों की रक्षा होगी। सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान दालों, विशेष रूप से उड़द के आयात पर भी चर्चा की गई।............ आर एस राणा
नई दिल्ली। प्याज की थोक कीमतों में आई गिरावट के बाद केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर लगी रोक को हटाने का फैसला किया है। रबी सीजन में प्याज का उत्पादन अनुमान ज्यादा होने का अनुमान है, जिससे इसकी मौजूदा कीमतों में और मंदा आने का अनुमान है। महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज के थोक दाम घटकर 17 से 21 रुपये प्रति किलो रह गए हैं।
सूत्रों के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक में प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय किया गया। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि चूंकि प्याज की कीमत स्थिर हो गई है और प्याज की भारी पैदावार हुई है, इसलिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। पिछले साल मार्च के महीने 28.4 लाख टन प्याज के पैदावार की तुलना में चालू रबी में मार्च में 40 लाख टन से अधिक की पैदावार आने की संभावना है।
डीजीएफटी जल्द जारी करेगी अधिसूचना
प्रतिबंध को हटाने का निर्णय विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी किए जाने के बाद प्रभावी होगा तथा जल्दी ही अधिसूचना जारी होगी। सूत्रों ने कहा कि बुधवार को मंत्रिसमूह ने निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) कम करने या समाप्त करने के बारे में भी विचार किया। एमईपी दर के नीचे किसी वस्तु के निर्यात की अनुमति नहीं होती है। बैठक में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और मंत्रिमंडलीय सचिव राजीव गौबा उपस्थित थे।
सितंबर 2019 में प्याज के निर्यात पर लगाई थी रोक
सितंबर 2019 में, सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और प्रति टन प्याज पर 850 डॉलर का एमईपी भी लगा दिया था। उस समय मांग और आपूर्ति में अंतर होने के कारण प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी थीं। महाराष्ट्र सहित प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में अत्याधिक बारिश और बाढ़ के कारण खरीफ प्याज फसल के प्रभावित होने से प्याज के उत्पादन में कमी आई थी। रबी प्याज की फसल की आवक मंडियों में शुरू हो गई है और मध्य मार्च से दैनिक आवक बढ़ने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, मार्च में ही प्याज की आवक 40.68 लाख टन के लगभग होने की उम्मीद है जो आवक पिछले वर्ष की समान अवधि में 28.44 लाख टन था। उन्होंने कहा कि अप्रैल में मंडियों में प्याज की आवक 86 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है, जो साल भर पहले यह 61 लाख टन था। सूत्रों ने कहा कि प्याज के निर्यात से घरेलू कीमतों में भारी गिरावट के रुकने की संभावना है और इससे उत्पादकों के हितों की रक्षा होगी। सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान दालों, विशेष रूप से उड़द के आयात पर भी चर्चा की गई।............ आर एस राणा
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