आर एस राणा
नई दिल्ली। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) को स्वैच्छिक बनाने के साथ ही देश में 10 हजार कृषि उत्पाद संगठन (एफपीओ) बनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा सरकार ने डेयरी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए 4,558 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कराने वाले किसानों से बैंक बीमा की राशि में से पहले ऋण की राशि काट लेते थे, लेकिन फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक बनाये जाने से बैंक ऐसा नहीं कर पायेंगे। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से फसली ऋण लेने वाले किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अनिवार्य थी, जबकि अन्य किसानों के लिए यह योजना पहले ही स्वैच्छिक थी। उन्होंने बताया कि योजना की शुरूआत जनवरी 2016 में की गई थी, तथा इस बारे में कुछ शिकायतों के बाद कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
सरकार देश में 10 हजार एफपीओ का गठन करेगी
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर और कई बदलाव किये गये हैं। इसका लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) का प्रयोग देश में बहुत सफल रहा है। एफपीओ के विनिर्माण और संवर्धन स्कीम के तहत 6,865 करोड़ रूपए के कुल बजटीय प्रावधान के साथ 10,000 नए एफपीओ बनाये जायेंगे।
सरकार ने डेयरी क्षेत्र के लिए 4,558 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी-जावडेकर
सरकार ने डेयरी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए बुधवार को 4,558 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। इससे करीब 95 लाख किसानों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा किये गये इस निर्णय के बारे में सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे देश में दुग्ध क्रांति में नये आयाम जुड़ेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रिमंडल ने ब्याज सहायता योजना में लाभ को दो फीसदी से बढ़ाकर ढाई फीसदी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। जावडेकर ने कहा कि सरकार ने यह फैसले किसान समुदाय के हित के लिए किये हैं।
खरीफ फसलों के लिए 2 फीसदी और रबी के लिए 1.5 फीसदी है प्रीमियम
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा यह योजना वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है। बागवानी फसलों को लिए किसानों को पांच फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। फसल की बुआई के 10 दिनों के अंदर किसान को पीएमएफबीवाई का फॉर्म भरना जरूरी है।............. आर एस राणा
नई दिल्ली। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) को स्वैच्छिक बनाने के साथ ही देश में 10 हजार कृषि उत्पाद संगठन (एफपीओ) बनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा सरकार ने डेयरी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए 4,558 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कराने वाले किसानों से बैंक बीमा की राशि में से पहले ऋण की राशि काट लेते थे, लेकिन फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक बनाये जाने से बैंक ऐसा नहीं कर पायेंगे। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से फसली ऋण लेने वाले किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अनिवार्य थी, जबकि अन्य किसानों के लिए यह योजना पहले ही स्वैच्छिक थी। उन्होंने बताया कि योजना की शुरूआत जनवरी 2016 में की गई थी, तथा इस बारे में कुछ शिकायतों के बाद कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
सरकार देश में 10 हजार एफपीओ का गठन करेगी
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर और कई बदलाव किये गये हैं। इसका लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) का प्रयोग देश में बहुत सफल रहा है। एफपीओ के विनिर्माण और संवर्धन स्कीम के तहत 6,865 करोड़ रूपए के कुल बजटीय प्रावधान के साथ 10,000 नए एफपीओ बनाये जायेंगे।
सरकार ने डेयरी क्षेत्र के लिए 4,558 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी-जावडेकर
सरकार ने डेयरी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए बुधवार को 4,558 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। इससे करीब 95 लाख किसानों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा किये गये इस निर्णय के बारे में सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे देश में दुग्ध क्रांति में नये आयाम जुड़ेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रिमंडल ने ब्याज सहायता योजना में लाभ को दो फीसदी से बढ़ाकर ढाई फीसदी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। जावडेकर ने कहा कि सरकार ने यह फैसले किसान समुदाय के हित के लिए किये हैं।
खरीफ फसलों के लिए 2 फीसदी और रबी के लिए 1.5 फीसदी है प्रीमियम
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा यह योजना वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है। बागवानी फसलों को लिए किसानों को पांच फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। फसल की बुआई के 10 दिनों के अंदर किसान को पीएमएफबीवाई का फॉर्म भरना जरूरी है।............. आर एस राणा
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