आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान गैर-बासमती चावल के निर्यात में 38 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 35.62 लाख टन का ही हुआ है जबकि बासमती चावल के निर्यात में इस दौरान 0.90 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 28.35 लाख टन का हुआ है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर के दौरान गैर-बासमती चावल का निर्यात घटकर 35.62 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 57.39 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में गैर-बासमती चावल का निर्यात घटकर 10,217 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 15,906 करोड़ रुपये का हुआ था। व्यापारियों के अनुसार गैर-बासमती चावल का निर्यात घटने की प्रमुख वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत का गैर-बासमती चावल अन्य देशों के चावल के मुकाबले महंगा है।
बासमती चावल में ईरान के साथ सऊदी अरब को निर्यात सौदे कम
बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर तक 28.35 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 28.61 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में 20,926 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 21,203 करोड़ रुपये मूल्य का हुआ था। एपीडा के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ईरान के साथ सऊदी अरब को निर्यात सौदे कम हो रहे है। उन्होंने बताया कि ईरान को बासमती चावल का निर्यात वाया दुबई तो हो रहा है, लेकिन सीधे निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं।
मंडियों में धान और चावल की कीमतों में आई गिरावट
चावल में निर्यात मांग कम होने के कारण घरेलू बाजार में धान और चावल की कीमतों में गिरावट आई है। हरियाणा की कैथल मंडी के चावल कारोबारी रामनिवास खुरानियां ने बताया कि शनिवार को मंडी में पूसा 1,121 बासमती धान का भाव 2,800 से 2,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जबकि जनवरी में इसका भाव 3,100 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह से पूसा 1,121 बासमती सेला चावल का भाव घटकर 4,850 से 4,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जबकि उपर में यह 5,500 से 5,600 रुपये प्रति क्विंटल बिक चुका है। उन्होंने बताया कि ट्रेडिशनल बासमती धान के भाव घटकर मंडी में 3,700 से 3,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि दिसंबर में इसके भाव 4,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे। उन्होंने बताया कि चीन में फैले कोरोना वायरस के कारण चावल की निर्यात मांग प्रभावित हुई है, जिसका असर इसकी कीमतों पर पड़ रहा है।............ आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान गैर-बासमती चावल के निर्यात में 38 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 35.62 लाख टन का ही हुआ है जबकि बासमती चावल के निर्यात में इस दौरान 0.90 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 28.35 लाख टन का हुआ है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर के दौरान गैर-बासमती चावल का निर्यात घटकर 35.62 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 57.39 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में गैर-बासमती चावल का निर्यात घटकर 10,217 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 15,906 करोड़ रुपये का हुआ था। व्यापारियों के अनुसार गैर-बासमती चावल का निर्यात घटने की प्रमुख वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत का गैर-बासमती चावल अन्य देशों के चावल के मुकाबले महंगा है।
बासमती चावल में ईरान के साथ सऊदी अरब को निर्यात सौदे कम
बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर तक 28.35 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 28.61 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में 20,926 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 21,203 करोड़ रुपये मूल्य का हुआ था। एपीडा के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ईरान के साथ सऊदी अरब को निर्यात सौदे कम हो रहे है। उन्होंने बताया कि ईरान को बासमती चावल का निर्यात वाया दुबई तो हो रहा है, लेकिन सीधे निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं।
मंडियों में धान और चावल की कीमतों में आई गिरावट
चावल में निर्यात मांग कम होने के कारण घरेलू बाजार में धान और चावल की कीमतों में गिरावट आई है। हरियाणा की कैथल मंडी के चावल कारोबारी रामनिवास खुरानियां ने बताया कि शनिवार को मंडी में पूसा 1,121 बासमती धान का भाव 2,800 से 2,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जबकि जनवरी में इसका भाव 3,100 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह से पूसा 1,121 बासमती सेला चावल का भाव घटकर 4,850 से 4,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जबकि उपर में यह 5,500 से 5,600 रुपये प्रति क्विंटल बिक चुका है। उन्होंने बताया कि ट्रेडिशनल बासमती धान के भाव घटकर मंडी में 3,700 से 3,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि दिसंबर में इसके भाव 4,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे। उन्होंने बताया कि चीन में फैले कोरोना वायरस के कारण चावल की निर्यात मांग प्रभावित हुई है, जिसका असर इसकी कीमतों पर पड़ रहा है।............ आर एस राणा
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