आर एस राणा
नई दिल्ली। किसानों को अरहर, चना और मसूर समर्थन मूल्य से 800-900 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है। इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 10 महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान ही दालों का आयात 4 फीसदी बढ़कर 26.28 लाख टन हो गया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार अप्रैल से जनवरी के दौरान दालों का आयात बढ़कर 26.28 लाख टन का हो चुका है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 25.27 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में दालों का आयात 11.81 फीसदी बढ़कर 8,984.80 करोड रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 8,035.30 करोड़ रुपये मूल्य का ही दालों का आयात हुआ था।
किसान समर्थन मूल्य से नीचे बेच रहे हैं अरहर
उत्पादक मंडियों में किसानों को अरहर 4,900 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेचनी पड़ रही है जबकि केंद्र सरकार ने अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खरीफ विपणन सीजन 2019—20 के लिए 5,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी एस.सी. नादर ने बताया कि अरहर की दैनिक आवक के मुकाबले समर्थन मूल्य पर खरीद नाममात्र की ही हो रही है, इसीलिए किसानों को औने-पौने दाम पर अरहर बेचनी पड़ रही है। नेफेड के अनुसार तमिनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात, आंध्रप्रदेश और ओडिशा से पांच मार्च तक समर्थन मूल्य पर 2.77 लाख टन अरहर की खरीद की गई है।
चना और मसूर बिक रही है समर्थन मूल्य से नीचे
रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की आवक कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में शुरू हो गई है तथा इन राज्यों की मंडियों में भाव 3,900 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। केंद्र सरकार ने चालू रबी सीजन 2020-21 के लिए चना का एमएसपी 4,875 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। इसी तरह से मसूर का समर्थन मूल्य चालू रबी सीजन के लिए 4,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है जबकि उत्पादक मंडियों में मसूर के भाव घटकर 4,150 से 4,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गये हैं। आगामी दिनों में चना के साथ ही मसूर की दैनिक आवक बढ़ेगी, जिससे इनकी कीमतों में और गिरावट आने का अनुमान है।
रबी में चना और मसूर का उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में चना का रिकार्ड 112.2 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले रबी में इसका उत्पादन 99.4 लाख टन का ही हुआ था। इसी तरह से मसूर का उत्पादन भी चालू रबी में बढ़कर 13.9 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 12.3 लाख टन मसूर का उत्पादन हुआ था। चालू रबी में दालों का कुल उत्पादन बढ़कर 151.1 लाख टन होने का अनुमान है जो पिछले रबी सीजन के 139.8 लाख टन था।............. आर एस राणा
नई दिल्ली। किसानों को अरहर, चना और मसूर समर्थन मूल्य से 800-900 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है। इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 10 महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान ही दालों का आयात 4 फीसदी बढ़कर 26.28 लाख टन हो गया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार अप्रैल से जनवरी के दौरान दालों का आयात बढ़कर 26.28 लाख टन का हो चुका है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 25.27 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में दालों का आयात 11.81 फीसदी बढ़कर 8,984.80 करोड रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 8,035.30 करोड़ रुपये मूल्य का ही दालों का आयात हुआ था।
किसान समर्थन मूल्य से नीचे बेच रहे हैं अरहर
उत्पादक मंडियों में किसानों को अरहर 4,900 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेचनी पड़ रही है जबकि केंद्र सरकार ने अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खरीफ विपणन सीजन 2019—20 के लिए 5,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी एस.सी. नादर ने बताया कि अरहर की दैनिक आवक के मुकाबले समर्थन मूल्य पर खरीद नाममात्र की ही हो रही है, इसीलिए किसानों को औने-पौने दाम पर अरहर बेचनी पड़ रही है। नेफेड के अनुसार तमिनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात, आंध्रप्रदेश और ओडिशा से पांच मार्च तक समर्थन मूल्य पर 2.77 लाख टन अरहर की खरीद की गई है।
चना और मसूर बिक रही है समर्थन मूल्य से नीचे
रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की आवक कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में शुरू हो गई है तथा इन राज्यों की मंडियों में भाव 3,900 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। केंद्र सरकार ने चालू रबी सीजन 2020-21 के लिए चना का एमएसपी 4,875 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। इसी तरह से मसूर का समर्थन मूल्य चालू रबी सीजन के लिए 4,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है जबकि उत्पादक मंडियों में मसूर के भाव घटकर 4,150 से 4,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गये हैं। आगामी दिनों में चना के साथ ही मसूर की दैनिक आवक बढ़ेगी, जिससे इनकी कीमतों में और गिरावट आने का अनुमान है।
रबी में चना और मसूर का उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में चना का रिकार्ड 112.2 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले रबी में इसका उत्पादन 99.4 लाख टन का ही हुआ था। इसी तरह से मसूर का उत्पादन भी चालू रबी में बढ़कर 13.9 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 12.3 लाख टन मसूर का उत्पादन हुआ था। चालू रबी में दालों का कुल उत्पादन बढ़कर 151.1 लाख टन होने का अनुमान है जो पिछले रबी सीजन के 139.8 लाख टन था।............. आर एस राणा
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