आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अप्रैल 2020 से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद शुरू होनी है जबकि केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक तय मानकों बफर से 178 फीसदी ज्यादा है। अत: गोदाम पहले ही खाद्यान्न से भरे हुए हैं, जिस कारण गेहूं का अधिकांश भंडारण खुले आसमान के नीचे यानि कैप (तिरपाल से ढक कर) करना होगा।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार पहली मार्च को केंद्रीय पूल में 584.97 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक है, जबकि तय मानकों बफर स्टॉक के अनुसार पहली अप्रैल 2020 को केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का 160.40 लाख टन स्टॉक होना चाहिए, इसमें रिजर्व 50 लाख टन को भी मिला दें तो कुल खाद्यान्न का स्टॉक 210.40 लाख टन का होना चाहिए। पहली अप्रैल को केंद्रीय पूल में गेहूं का 44.60 लाख टन का बफर स्टॉक और 20 लाख टन के रिजर्व को मिलाकर कुल 64.60 लाख टन का ही स्टॉक होना चाहिए, पहली पहली मार्च 2020 को केंद्रीय पूल में गेहूं का ही 275.21 लाख टन का स्टॉक है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में अप्रैल में 22 से 25 लाख टन गेहूं की खपत को भी जोड़ दे बकाया स्टॉक तय मानकों बफर से चार गुना से भी ज्यादा है।
खाद्यान्न भंडारण की कुल क्षमता लगभग 8 करोड़ टन से ज्यादा
खाद्य मंत्रालय के अनुसार रबी विपणन सीजन 2019-20 में एमएसपी पर 341.32 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में गेहूं का रिकार्ड 10.62 करोड़ टन होने का अनुमान है ऐसे में सरकारी खरीद में भी बढ़ोतरी हो सकती है। देश में खाद्यान्न भंडारण की कुल क्षमता करीब 8 करोड़ टन से ज्यादा है, जिसमें से सात करोड़ टन के लिए कवर्ड पक्के गोदाम है, जबकि एक करोड़ टन से ज्यादा खाद्यान्न का भंडारण अस्थायी गोदामों कैप (तिरपाल से ढक कर) किया जाता है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार चावल का भंडारण कवर्ड पक्के गोदाम में ही किया जाता है, इसलिए रबी में खरीद जाने वाले गेहूं का ज्यादातर भंडारण कैप गोदामों में ही करना होगा।
गेहूं की कुल खरीद में सबसे ज्यादा भागीदारी पंजाब और हरियाणा की
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के साथ ही और अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए एफसीआई केंद्रीय पूल के लिए गेहूं व चावल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करती है। पिछले रबी सीजन में समर्थन मूल्य पर कुल 341.32 लाख टन गेहूं खरीदा गया था, जिसमें से पंजाब और हरियाणा की भागीदारी ही 222 लाख टन से ज्यादा थी। सूत्रों के अनुसार इन राज्यों के गोदाम पहले ही खाद्यान्न से भरे हुए हैं, जिस कारण गेहूं के भंडारण में परेशानी आयेगी।............. आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अप्रैल 2020 से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद शुरू होनी है जबकि केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक तय मानकों बफर से 178 फीसदी ज्यादा है। अत: गोदाम पहले ही खाद्यान्न से भरे हुए हैं, जिस कारण गेहूं का अधिकांश भंडारण खुले आसमान के नीचे यानि कैप (तिरपाल से ढक कर) करना होगा।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार पहली मार्च को केंद्रीय पूल में 584.97 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक है, जबकि तय मानकों बफर स्टॉक के अनुसार पहली अप्रैल 2020 को केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का 160.40 लाख टन स्टॉक होना चाहिए, इसमें रिजर्व 50 लाख टन को भी मिला दें तो कुल खाद्यान्न का स्टॉक 210.40 लाख टन का होना चाहिए। पहली अप्रैल को केंद्रीय पूल में गेहूं का 44.60 लाख टन का बफर स्टॉक और 20 लाख टन के रिजर्व को मिलाकर कुल 64.60 लाख टन का ही स्टॉक होना चाहिए, पहली पहली मार्च 2020 को केंद्रीय पूल में गेहूं का ही 275.21 लाख टन का स्टॉक है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में अप्रैल में 22 से 25 लाख टन गेहूं की खपत को भी जोड़ दे बकाया स्टॉक तय मानकों बफर से चार गुना से भी ज्यादा है।
खाद्यान्न भंडारण की कुल क्षमता लगभग 8 करोड़ टन से ज्यादा
खाद्य मंत्रालय के अनुसार रबी विपणन सीजन 2019-20 में एमएसपी पर 341.32 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में गेहूं का रिकार्ड 10.62 करोड़ टन होने का अनुमान है ऐसे में सरकारी खरीद में भी बढ़ोतरी हो सकती है। देश में खाद्यान्न भंडारण की कुल क्षमता करीब 8 करोड़ टन से ज्यादा है, जिसमें से सात करोड़ टन के लिए कवर्ड पक्के गोदाम है, जबकि एक करोड़ टन से ज्यादा खाद्यान्न का भंडारण अस्थायी गोदामों कैप (तिरपाल से ढक कर) किया जाता है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार चावल का भंडारण कवर्ड पक्के गोदाम में ही किया जाता है, इसलिए रबी में खरीद जाने वाले गेहूं का ज्यादातर भंडारण कैप गोदामों में ही करना होगा।
गेहूं की कुल खरीद में सबसे ज्यादा भागीदारी पंजाब और हरियाणा की
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के साथ ही और अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए एफसीआई केंद्रीय पूल के लिए गेहूं व चावल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करती है। पिछले रबी सीजन में समर्थन मूल्य पर कुल 341.32 लाख टन गेहूं खरीदा गया था, जिसमें से पंजाब और हरियाणा की भागीदारी ही 222 लाख टन से ज्यादा थी। सूत्रों के अनुसार इन राज्यों के गोदाम पहले ही खाद्यान्न से भरे हुए हैं, जिस कारण गेहूं के भंडारण में परेशानी आयेगी।............. आर एस राणा
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