आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार चीनी मिलों को राहत देने के लिए निर्यात की समय सीमा को दो महीने बढ़ा सकती है। चीनी मिलों को पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) में 50 लाख टन का निर्यात अक्टूबर 2019 तक करना था, लेकिन अभी तक तय लक्ष्य में से केवल 38 लाख टन चीनी का ही निर्यात ही हो पाया है। इसलिए सरकार तय समय सीमा 31 अक्टूबर 2019 को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर सकती है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चीनी निर्यात की समय सीमा को 31 अक्टूबर 2019 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 करने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि पिछले पेराई सीजन में चीनी मिलों को 50 लाख टन चीनी के निर्यात का कोटा दिया था, जिसमें से अभी तक मिलों ने केवल 38 लाख टन चीनी का ही निर्यात किया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने निर्यात की समय सीमा को बढ़ाने की मांग की थी। विश्व बाजार में व्हाईट चीनी के दाम 345.50 डॉलर प्रति टन और रॉ-शुगर चीनी के दाम 12.82 सेंट प्रति बुशल रहे।
केंद्र सरकार चीनी के निर्यात पर 10.50 रुपये किलो की दे रही है सब्सिडी
केंद्र सरकार चीनी के निर्यात पर मिलों को 10.50 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दे रही है। उन्होंने बताया कि पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन के लिए चीनी के निर्यात का कोटा बढ़ाकर 60 लाख टन का कर दिया है। उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) में चीनी का उत्पादन 22 फीसदी घटकर 260 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पेराई पिछले सीजन में चीनी का रिकार्ड 331.61 लाख टन का उत्पादन हुआ था। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन के समय चीनी का बकाया स्टॉक 145.81 लाख टन बचा हुआ है जबकि पिछले साल पेराई सीजन के आरंभ में बकाया केवल 107 लाख टन का था।
पहली अक्टूबर से अभी तक 8 से 9 लाख टन चीनी के हो चुके हैं निर्यात सौदे
दिल्ली में चीनी के थोक कारोबारी सुधीर भालोठिया ने बताया कि दिल्ली में चीनी की कीमतें 3,550 रुपये प्रति क्विंटल और उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 3,200 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल हैं। महाराष्ट्र में चीनी के दाम 3,125 से 3,175 रुपये प्रति क्विंटल हैं। उन्होंने बताया कि पहली अक्टूबर से अभी तक करीब 8 से 9 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुकी है, हालांकि इसमें से शिपमेंट केवल 2 से 3 लाख टन की ही हुई है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की करीब 25 से 30 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है। ......... आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार चीनी मिलों को राहत देने के लिए निर्यात की समय सीमा को दो महीने बढ़ा सकती है। चीनी मिलों को पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) में 50 लाख टन का निर्यात अक्टूबर 2019 तक करना था, लेकिन अभी तक तय लक्ष्य में से केवल 38 लाख टन चीनी का ही निर्यात ही हो पाया है। इसलिए सरकार तय समय सीमा 31 अक्टूबर 2019 को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर सकती है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चीनी निर्यात की समय सीमा को 31 अक्टूबर 2019 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 करने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि पिछले पेराई सीजन में चीनी मिलों को 50 लाख टन चीनी के निर्यात का कोटा दिया था, जिसमें से अभी तक मिलों ने केवल 38 लाख टन चीनी का ही निर्यात किया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने निर्यात की समय सीमा को बढ़ाने की मांग की थी। विश्व बाजार में व्हाईट चीनी के दाम 345.50 डॉलर प्रति टन और रॉ-शुगर चीनी के दाम 12.82 सेंट प्रति बुशल रहे।
केंद्र सरकार चीनी के निर्यात पर 10.50 रुपये किलो की दे रही है सब्सिडी
केंद्र सरकार चीनी के निर्यात पर मिलों को 10.50 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दे रही है। उन्होंने बताया कि पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन के लिए चीनी के निर्यात का कोटा बढ़ाकर 60 लाख टन का कर दिया है। उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) में चीनी का उत्पादन 22 फीसदी घटकर 260 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पेराई पिछले सीजन में चीनी का रिकार्ड 331.61 लाख टन का उत्पादन हुआ था। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन के समय चीनी का बकाया स्टॉक 145.81 लाख टन बचा हुआ है जबकि पिछले साल पेराई सीजन के आरंभ में बकाया केवल 107 लाख टन का था।
पहली अक्टूबर से अभी तक 8 से 9 लाख टन चीनी के हो चुके हैं निर्यात सौदे
दिल्ली में चीनी के थोक कारोबारी सुधीर भालोठिया ने बताया कि दिल्ली में चीनी की कीमतें 3,550 रुपये प्रति क्विंटल और उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 3,200 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल हैं। महाराष्ट्र में चीनी के दाम 3,125 से 3,175 रुपये प्रति क्विंटल हैं। उन्होंने बताया कि पहली अक्टूबर से अभी तक करीब 8 से 9 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुकी है, हालांकि इसमें से शिपमेंट केवल 2 से 3 लाख टन की ही हुई है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की करीब 25 से 30 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है। ......... आर एस राणा
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