आर एस राणा
नई दिल्ली। धान किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है, मानसून सीजन में बारिश सामान्य से कम होने के कारण जहां लागत बढ़ी है, वहीं कीमतों में आई भारी गिरावट से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उत्पादक मंडियों में धान के भाव पिछले साल की तुलना में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल नीचे चल रहे हैं।
बहादुरगढ़ के मांडोठी गांव के किसान चरण सिंह दलाल ने तीन एकड़ में पूसा 1,121 बासमती धान की फसल लगाई है। उन्होंने बताया कि इस बार मानसूनी सीजन में बारिश नहीं होने के कारण ट्यूबवेल से घान की सिंचाई करनी पड़ी थी जिससे लागत पिछले साल से ज्यादा आई, साथ ही बारिश की कमी से प्रति हेक्टेयर उत्पादकता भी कम हुई हैं। उन्होंने बताया कि नजफगढ़ मंडी में धान 2,750 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिका है, जबकि पिछले साल 3,250 रुपये प्रति क्विटंल के भाव बिका था।
ईरान को निर्यात सौदे नहीं, सऊदी अरब की आयात मांग भी कम
कैथल मंडी में धान कारोबारी रामनिवास खुरानियां ने बताया कि धान में राइस मिलर्स की मांग कमजोर है। उन्होंने बताया कि ईरान में भारतीय चावल निर्यातकों का पैसा फंसा हुआ है, जिस कारण निर्यातक नए निर्यात सौदे नहीं कर रहे हैं, जबकि सऊदी अरब की आयात मांग भी कम आ रही है। इसलिए धान की कीमतों में मंदा बना हुआ है। मंडी में पूसा 1,121 धान का भाव 2,750 से 2,850 रुपये और डीपी धान का भाव 2,525 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। पिछले साल इस समय मंडी में पूसा 1,121 धान 3,250 से 3,300 रुपये और डीपी धान 2,900 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था। पूसा 1,509 धान का भाव मंडी में घटकर 2,400 रुपये प्रति क्विवंट रह गया जबकि ट्रेडिशनल बासमती धान के भाव घटकर 3,600 से 3,650 रुपये प्रति क्विवंटल रह गया, जबकि सप्ताह के शुरू में ट्रेडिशनल बासमती धान का भाव 3,800 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल था।
बासमती चावल का निर्यात 10 फीसदी और गैर बासमती का 26 फीसदी घटा
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात 10.13 फीसदी घटकर 18.71 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 20.82 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात अप्रैल से सितंबर के दौरान घटकर 14,188 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 15,331 करोड़ रुपये का हुआ था। गैर-बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 25.90 फीसदी घटकर 24.88 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में गैर-बासमती चावल का निर्यात 33.58 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से गैर-बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में केवल 7,091 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 10,774 करोड़ रुपये का हुआ था।....... आर एस राणा
नई दिल्ली। धान किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है, मानसून सीजन में बारिश सामान्य से कम होने के कारण जहां लागत बढ़ी है, वहीं कीमतों में आई भारी गिरावट से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उत्पादक मंडियों में धान के भाव पिछले साल की तुलना में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल नीचे चल रहे हैं।
बहादुरगढ़ के मांडोठी गांव के किसान चरण सिंह दलाल ने तीन एकड़ में पूसा 1,121 बासमती धान की फसल लगाई है। उन्होंने बताया कि इस बार मानसूनी सीजन में बारिश नहीं होने के कारण ट्यूबवेल से घान की सिंचाई करनी पड़ी थी जिससे लागत पिछले साल से ज्यादा आई, साथ ही बारिश की कमी से प्रति हेक्टेयर उत्पादकता भी कम हुई हैं। उन्होंने बताया कि नजफगढ़ मंडी में धान 2,750 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिका है, जबकि पिछले साल 3,250 रुपये प्रति क्विटंल के भाव बिका था।
ईरान को निर्यात सौदे नहीं, सऊदी अरब की आयात मांग भी कम
कैथल मंडी में धान कारोबारी रामनिवास खुरानियां ने बताया कि धान में राइस मिलर्स की मांग कमजोर है। उन्होंने बताया कि ईरान में भारतीय चावल निर्यातकों का पैसा फंसा हुआ है, जिस कारण निर्यातक नए निर्यात सौदे नहीं कर रहे हैं, जबकि सऊदी अरब की आयात मांग भी कम आ रही है। इसलिए धान की कीमतों में मंदा बना हुआ है। मंडी में पूसा 1,121 धान का भाव 2,750 से 2,850 रुपये और डीपी धान का भाव 2,525 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। पिछले साल इस समय मंडी में पूसा 1,121 धान 3,250 से 3,300 रुपये और डीपी धान 2,900 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था। पूसा 1,509 धान का भाव मंडी में घटकर 2,400 रुपये प्रति क्विवंट रह गया जबकि ट्रेडिशनल बासमती धान के भाव घटकर 3,600 से 3,650 रुपये प्रति क्विवंटल रह गया, जबकि सप्ताह के शुरू में ट्रेडिशनल बासमती धान का भाव 3,800 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल था।
बासमती चावल का निर्यात 10 फीसदी और गैर बासमती का 26 फीसदी घटा
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात 10.13 फीसदी घटकर 18.71 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 20.82 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात अप्रैल से सितंबर के दौरान घटकर 14,188 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 15,331 करोड़ रुपये का हुआ था। गैर-बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 25.90 फीसदी घटकर 24.88 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में गैर-बासमती चावल का निर्यात 33.58 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से गैर-बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में केवल 7,091 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 10,774 करोड़ रुपये का हुआ था।....... आर एस राणा
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