आर एस राणा
नई दिल्ली। अरहर की नई फसल की आवक घरेलू उत्पादक मंडियों में दिसंबर में बनेगी उससे पहले ही केंद्र सरकार ने अरहर के आयात की अवधि को बढ़ाकर 15 नवंबर 2019 कर दिया है जिससे अरहर की कीमतों में 300 रुपये की गिरावट आकर उत्पादक मंडियों मेंं भाव 5,800 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार अरहर का आयात अब 15 नवंबर 2019 तक किया जा सकेगा। सरकार ने अरहर, उड़द और मूंग के आयात की अनुमति 31 अक्टूबर 2019 तक दे रखी थी। डीजीएफटी के अनुसार उड़द और मूंग का आयात तो नहीं किया जा सकेगा, लेकिन अरहर के आयात की अवधि को 15 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने हाल ही में अरहर के आयात की अवधि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2019 करने की मांग की थी, साथ ही उड़द के आयात की मात्रा को भी डेढ़ लाख टन से बढ़ाकर 2.5 लाख टन करने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा था।
दिसंबर में उत्पादक मंडियों में आयेगी अरहर की नई फसल
जानकारों के अनुसार अगले महीने अरहर की नई फसल की आवक उत्पादक मंडियों में बनेगी, अत: सरकार द्वारा आयात की अवधि बढ़ा देने से अरहर की कीमतों में आगे और मंदा आने का अनुमान है, जिससे अरहर उगाने वाले किसानों को नुकसान हो सकता है। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि मंडियों में 5,800 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। केंद्रीय पूल में भी अरहर का बकाया स्टॉक बचा हुआ है।
अरहर का पौने छह लाख टन आयात की अनुमति
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अरहर के आयात के लिए 4 लाख टन की मात्रा तय की थी, जबकि उड़द और मूंग के आयात के लिए डेढ़-डेढ़ लाख टन का कोटा तय किया हुआ है। इसके अलावा पौने दो लाख टन अरहर का आयात मौजाम्बिक से सरकारी स्तर पर भी होगा। कर्नाटक के एक दाल मिलर्स ने बताया कि सरकार ने आयात की समय सीमा 15 नवंबर तक बढ़ाई है, अत: अगले 9 से 10 दिनों में कैसे विदेशों से सौदे, लोडिंग और अनलोडिंग हो जायेगी। उन्होंने बताया कि इससे वहीं कंनेटर पहुंच पायेंगे, जोकि पहले से लोड हो चुके हैं।
अरहर की बुआई पिछले साल से ज्यादा
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में 35.4 लाख टन अरहर के उत्पादन का अनुमान है जबकि पिछले फसल सीजन में इसका उत्पादन 35.9 लाख टन का हुआ था। जानकारों के अनुसार उत्पादक राज्यों में अक्टूबर में हुई अच्छी बारिश से अरहर का उत्पादन तय अनुमान से ज्यादा ही होने का अनुमान है। मंत्रालय के अनुसार खरीफ में अरहर की बुआई बढ़कर 45.82 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि इसके पिछले साल इसकी बुआई 45.75 लाख हेक्टेयर में हुई थी। .............. आर एस राणा
नई दिल्ली। अरहर की नई फसल की आवक घरेलू उत्पादक मंडियों में दिसंबर में बनेगी उससे पहले ही केंद्र सरकार ने अरहर के आयात की अवधि को बढ़ाकर 15 नवंबर 2019 कर दिया है जिससे अरहर की कीमतों में 300 रुपये की गिरावट आकर उत्पादक मंडियों मेंं भाव 5,800 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार अरहर का आयात अब 15 नवंबर 2019 तक किया जा सकेगा। सरकार ने अरहर, उड़द और मूंग के आयात की अनुमति 31 अक्टूबर 2019 तक दे रखी थी। डीजीएफटी के अनुसार उड़द और मूंग का आयात तो नहीं किया जा सकेगा, लेकिन अरहर के आयात की अवधि को 15 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने हाल ही में अरहर के आयात की अवधि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2019 करने की मांग की थी, साथ ही उड़द के आयात की मात्रा को भी डेढ़ लाख टन से बढ़ाकर 2.5 लाख टन करने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा था।
दिसंबर में उत्पादक मंडियों में आयेगी अरहर की नई फसल
जानकारों के अनुसार अगले महीने अरहर की नई फसल की आवक उत्पादक मंडियों में बनेगी, अत: सरकार द्वारा आयात की अवधि बढ़ा देने से अरहर की कीमतों में आगे और मंदा आने का अनुमान है, जिससे अरहर उगाने वाले किसानों को नुकसान हो सकता है। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि मंडियों में 5,800 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। केंद्रीय पूल में भी अरहर का बकाया स्टॉक बचा हुआ है।
अरहर का पौने छह लाख टन आयात की अनुमति
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अरहर के आयात के लिए 4 लाख टन की मात्रा तय की थी, जबकि उड़द और मूंग के आयात के लिए डेढ़-डेढ़ लाख टन का कोटा तय किया हुआ है। इसके अलावा पौने दो लाख टन अरहर का आयात मौजाम्बिक से सरकारी स्तर पर भी होगा। कर्नाटक के एक दाल मिलर्स ने बताया कि सरकार ने आयात की समय सीमा 15 नवंबर तक बढ़ाई है, अत: अगले 9 से 10 दिनों में कैसे विदेशों से सौदे, लोडिंग और अनलोडिंग हो जायेगी। उन्होंने बताया कि इससे वहीं कंनेटर पहुंच पायेंगे, जोकि पहले से लोड हो चुके हैं।
अरहर की बुआई पिछले साल से ज्यादा
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में 35.4 लाख टन अरहर के उत्पादन का अनुमान है जबकि पिछले फसल सीजन में इसका उत्पादन 35.9 लाख टन का हुआ था। जानकारों के अनुसार उत्पादक राज्यों में अक्टूबर में हुई अच्छी बारिश से अरहर का उत्पादन तय अनुमान से ज्यादा ही होने का अनुमान है। मंत्रालय के अनुसार खरीफ में अरहर की बुआई बढ़कर 45.82 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि इसके पिछले साल इसकी बुआई 45.75 लाख हेक्टेयर में हुई थी। .............. आर एस राणा
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