आर एस राणा
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और कर्नाटक में सूखे और बाढ़ से गन्ने की फसल को हुए भारी नुकसान से चालू पेराई सीजन 2019-20 में चीनी के उत्पादन में करीब 22 फीसदी की कमी आकर कुल उत्पादन 260 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में 331.61 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर 260 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पहले अनुमान में 282 लाख टन के उत्पादन का अनुमान लगाया था। प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी के उत्पादन में 40 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 62 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में राज्य में 107.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। उधर कर्नाटक में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में घटकर 32 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में राज्य में 44.30 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़ने का अनुमान
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और सोलापूर में पहले सूखे का असर गन्ने की फसल पर पड़ा, उसके बाद राज्य के कोल्हापुर, सांगली, सतारा और पुणे में बाढ़ से गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ। कर्नाटक में भी चालू सीजन में गन्ने की बुआई में पिछले साल की तुलना में कमी आई थी, उसके बाद राज्य के बेलगाम और बीजापुर में बाढ़ से गन्ने की फसल प्रभावित हुई थी। उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन 2019-20 में चीनी का उत्पादन जरुर बढ़कर 120 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में राज्य में 118.21 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
अन्य राज्यों में पिछले साल के बराबर ही उत्पादन का अनुमान
अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 54.50 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के लगभग बराबर ही है। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन के समय चीनी का बकाया स्टॉक बंपर 145.81 लाख टन बचा हुआ है जबकि पिछले साल पेराई सीजन के आरंभ में बकाया केवल 107 लाख का ही था।
एथेनॉल के लिए तेल कंपनियों की निविदा जल्द आने की उम्मीद
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन के लिए तेल कंपनियों द्वारा एथेनॉल की खरीद के लिए जल्द ही निविदा जारी करने की उम्मीद है। केंद्र सरकार द्वारा चीनी मिलों को एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए दी जा रही सहातया से कंपनियों की उत्पादन क्षमता बढ़ी है। माना जा रहा है कि चालू पेराई सीजन 2019-20 में मिलों द्वारा करीब 8.5 लाख टन चीनी उत्पादन के बराबर गन्ने से सीधे एथेनॉल बनने की उम्मीद है।
चालू वित्त वर्ष के चार महीनों में बढ़ा चीनी का निर्यात
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीने अप्रैल से जुलाई के दौरान चीनी का निर्यात बढ़कर 18.59 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 9.67 लाख टन का ही हुआ था। विश्व बाजार में व्हाईट चीनी के भाव 380 से 385 डॉलर प्रति टन है। केंद्र सरकार चीनी के निर्यात पर 10.50 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दे रही है। विश्व बाजार में चीनी की कुल उपलब्धता कम मानी जा रही है जिससे आगे निर्यात सौदों में तेजी आने का अनुमान है। ........ आर एस राणा
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और कर्नाटक में सूखे और बाढ़ से गन्ने की फसल को हुए भारी नुकसान से चालू पेराई सीजन 2019-20 में चीनी के उत्पादन में करीब 22 फीसदी की कमी आकर कुल उत्पादन 260 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में 331.61 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर 260 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पहले अनुमान में 282 लाख टन के उत्पादन का अनुमान लगाया था। प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी के उत्पादन में 40 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 62 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में राज्य में 107.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। उधर कर्नाटक में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में घटकर 32 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में राज्य में 44.30 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़ने का अनुमान
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और सोलापूर में पहले सूखे का असर गन्ने की फसल पर पड़ा, उसके बाद राज्य के कोल्हापुर, सांगली, सतारा और पुणे में बाढ़ से गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ। कर्नाटक में भी चालू सीजन में गन्ने की बुआई में पिछले साल की तुलना में कमी आई थी, उसके बाद राज्य के बेलगाम और बीजापुर में बाढ़ से गन्ने की फसल प्रभावित हुई थी। उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन 2019-20 में चीनी का उत्पादन जरुर बढ़कर 120 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में राज्य में 118.21 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
अन्य राज्यों में पिछले साल के बराबर ही उत्पादन का अनुमान
अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 54.50 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के लगभग बराबर ही है। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन के समय चीनी का बकाया स्टॉक बंपर 145.81 लाख टन बचा हुआ है जबकि पिछले साल पेराई सीजन के आरंभ में बकाया केवल 107 लाख का ही था।
एथेनॉल के लिए तेल कंपनियों की निविदा जल्द आने की उम्मीद
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन के लिए तेल कंपनियों द्वारा एथेनॉल की खरीद के लिए जल्द ही निविदा जारी करने की उम्मीद है। केंद्र सरकार द्वारा चीनी मिलों को एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए दी जा रही सहातया से कंपनियों की उत्पादन क्षमता बढ़ी है। माना जा रहा है कि चालू पेराई सीजन 2019-20 में मिलों द्वारा करीब 8.5 लाख टन चीनी उत्पादन के बराबर गन्ने से सीधे एथेनॉल बनने की उम्मीद है।
चालू वित्त वर्ष के चार महीनों में बढ़ा चीनी का निर्यात
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीने अप्रैल से जुलाई के दौरान चीनी का निर्यात बढ़कर 18.59 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 9.67 लाख टन का ही हुआ था। विश्व बाजार में व्हाईट चीनी के भाव 380 से 385 डॉलर प्रति टन है। केंद्र सरकार चीनी के निर्यात पर 10.50 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दे रही है। विश्व बाजार में चीनी की कुल उपलब्धता कम मानी जा रही है जिससे आगे निर्यात सौदों में तेजी आने का अनुमान है। ........ आर एस राणा
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