आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में कपास का उत्पादन 13.62 फीसदी बढ़कर 354.50 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है। मांग कम होने के कारण मंडियों में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर फसल बेचने को मजबूर हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की मंडियों में कपास 5,050 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है जबकि केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए कपास मीडियम स्टेपल कपास का समर्थन मूल्य 5,255 रुपये और लॉन्ग स्टेपल का 5,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार चालू फसल सीजन 2019-20 में कपास का उत्पादन 13.62 फीसदी बढ़कर 354.50 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 312 लाख गांठ का ही उत्पादन हुआ था। सीएआई के आरंभिक अनुसान के अनुसार चालू सीजन में कपास का आयात घटकर 25 लाख गांठ और निर्यात 42 लाख गांठ होने का अनुमान है। पिछले सीजन में 32 लाख गांठ कपास का आयात हुआ था, जबकि निर्यात 42 लाख गांठ का ही हुआ। देश में कपास की सालाना खपत 315 लाख गांठ होने का अनुमान है जोकि पिछले साल की तुलना में 3.5 लाख गांठ ज्यादा है। अक्टूबर में उत्पादक मंडियों में कपास की आवक 13.40 लाख गांठ की हो चुकी है।
सीसीआई ने एमएसपी पर खरीदी है केवल 19,000 गांठ
कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू सीजन में अभी तक एमएसपी पर केवल 19,000 गांठ कपास की खरीद ही हुई है। उन्होनें बताया कि मंडियों में आ रही कपास में नमी की मात्रा 20 फीसदी से ज्यादा की आ रही है जबकि निगम 12 फीसदी नमी युक्त कपास की खरीद कर रही है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत के राज्यों के बाद तेलंगाना से भी खरीद शुरू हो गई है। आगामी दिनों में दैनिक आवक बढ़ने पर कपास की खरीद में भी तेजी आने का अनुमान है। पिछले फसल सीजन में निगम ने एमएसपी पर 10.70 लाख गांठ कपास की खरीद की थी, जिसमें से 1.70 लाख गांठ बेची गई है।
विश्व बाजार में दाम कम होने से निर्यात पड़ते कम
नार्थ इंडिया एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में कपास के भाव 5,050 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि न्यूयार्क कॉटन के दिसंबर वायदा में कपास के भाव 7 नवंबर को 64.44 सेंट प्रति पाउंड हैं जबकि 18 अक्टूबर को इसके भाव 64.99 सेंट प्रति पाउंड थे। विश्व बाजार में कीमत कम होने के कारण निर्यात पड़ते भी सीमित मात्रा में ही लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश से महाराष्ट्र और गुजरात में कपास की फसल को नुकसान हुआ है, साथ ही क्वालिटी भी प्रभावित हुई है।
बुआई में हुई थी बढ़ोतरी
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में कपास का उत्पादन 322.67 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 287.08 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। कपास की बुआई चालू खरीफ में 127.67 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जोकि इसके पिछले साल के 121.05 लाख हेक्टेयर से ज्यादा थी।.......... आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में कपास का उत्पादन 13.62 फीसदी बढ़कर 354.50 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है। मांग कम होने के कारण मंडियों में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर फसल बेचने को मजबूर हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की मंडियों में कपास 5,050 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है जबकि केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए कपास मीडियम स्टेपल कपास का समर्थन मूल्य 5,255 रुपये और लॉन्ग स्टेपल का 5,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार चालू फसल सीजन 2019-20 में कपास का उत्पादन 13.62 फीसदी बढ़कर 354.50 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 312 लाख गांठ का ही उत्पादन हुआ था। सीएआई के आरंभिक अनुसान के अनुसार चालू सीजन में कपास का आयात घटकर 25 लाख गांठ और निर्यात 42 लाख गांठ होने का अनुमान है। पिछले सीजन में 32 लाख गांठ कपास का आयात हुआ था, जबकि निर्यात 42 लाख गांठ का ही हुआ। देश में कपास की सालाना खपत 315 लाख गांठ होने का अनुमान है जोकि पिछले साल की तुलना में 3.5 लाख गांठ ज्यादा है। अक्टूबर में उत्पादक मंडियों में कपास की आवक 13.40 लाख गांठ की हो चुकी है।
सीसीआई ने एमएसपी पर खरीदी है केवल 19,000 गांठ
कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू सीजन में अभी तक एमएसपी पर केवल 19,000 गांठ कपास की खरीद ही हुई है। उन्होनें बताया कि मंडियों में आ रही कपास में नमी की मात्रा 20 फीसदी से ज्यादा की आ रही है जबकि निगम 12 फीसदी नमी युक्त कपास की खरीद कर रही है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत के राज्यों के बाद तेलंगाना से भी खरीद शुरू हो गई है। आगामी दिनों में दैनिक आवक बढ़ने पर कपास की खरीद में भी तेजी आने का अनुमान है। पिछले फसल सीजन में निगम ने एमएसपी पर 10.70 लाख गांठ कपास की खरीद की थी, जिसमें से 1.70 लाख गांठ बेची गई है।
विश्व बाजार में दाम कम होने से निर्यात पड़ते कम
नार्थ इंडिया एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में कपास के भाव 5,050 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि न्यूयार्क कॉटन के दिसंबर वायदा में कपास के भाव 7 नवंबर को 64.44 सेंट प्रति पाउंड हैं जबकि 18 अक्टूबर को इसके भाव 64.99 सेंट प्रति पाउंड थे। विश्व बाजार में कीमत कम होने के कारण निर्यात पड़ते भी सीमित मात्रा में ही लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश से महाराष्ट्र और गुजरात में कपास की फसल को नुकसान हुआ है, साथ ही क्वालिटी भी प्रभावित हुई है।
बुआई में हुई थी बढ़ोतरी
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में कपास का उत्पादन 322.67 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 287.08 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। कपास की बुआई चालू खरीफ में 127.67 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जोकि इसके पिछले साल के 121.05 लाख हेक्टेयर से ज्यादा थी।.......... आर एस राणा
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