26 मार्च 2014
एमसीएक्स को नए कांट्रेक्ट से रोक सकता है एफएमसी
देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में जिग्नेश शाह और फ्यूचर टैक्नोलॉजीज इंडियन लि. (एफटीआईएल) की कुल हिस्सेदारी घटाकर दो फीसदी नहीं की जाती है तो उसे नए कमोडिटी कांट्रेक्ट लांच करने से रोका जा सकता है।
एनएसईएल घोटाले की जांच के बाद फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) ने शाह और उनकी कंपनी एफटीआईएल को कुल हिस्सेदारी घटाकर दो फीसदी करने का निर्देश दिया था।
एफएमसी ने एनएसईएल में 5600 करोड़ रुपये के भुगतान संकट पर शाह को सबसे बड़ा लाभार्थी बताते हुए उन्हें कोई भी एक्सचेंज संचालित करने के लिए अयोग्य करार दिया था। एक अधिकारी ने बताया कि अगर एमसीएक्स 30 अप्रैल तक आदेश के अनुसार शेयरहोल्डिंग में बदलाव नहीं करता है तो एफएमसी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
एफएमसी के आदेश को बांबे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। एफएमसी ने एफटीआईएल के प्रमुख शाह को कोई भी संचालित करने के लिए अयोग्य माना था और एमसीएक्स में हिस्सेदारी घटाकर दो फीसदी करने का आदेश दिया था। इस समय उसकी हिस्सेदारी 26 फीसदी है। (Business Bhaskar)
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