18 मार्च 2014
दुग्ध उत्पादन की ओर कदम बढ़ा रहे किसान
जमीन के छोटे टुकड़ों से होने वाली आय में गिरावट के कारण पंजाब के युवा और शिक्षित किसान अब व्यावसायिक दुग्ध उत्पादन (डेयरी फॉर्म) की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। किसानों का कहना है कि व्यावसायिक दुग्ध उत्पादन से उन्हें पारंपरिक कृषि से ज्यादा मुनाफा मिलता है। गौरतलब है कि दिनोदिन खेती योग्य जमीन के टुकड़ों का आकार घट रहा है और ऐसे में उन पर पारंपरिक खेती अव्यावहारिक होती जा रही है। पंजाब में करीब 6,000 दुग्ध उत्पादक हैं और उनकी संख्या देश के किसी अन्य राज्य के मुकाबले यहां कहीं ज्यादा है। यहां किसानों के पास अधिक दूध देने वाली नस्ल की 10 से लेकर 500 तक गायें हैं।
इन फार्म से प्रतिदिन करीब 12 से 15 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है। व्यावसायिक दुग्ध उत्पादन की सफलता की कहानी इन आंकड़ों से समझी जा सकती है। सात साल पहले राज्य में करीब 600 व्यावसायिक डेयरी फॉर्म थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 6,000 हो चुकी है। जैसे जैसे इस उद्यम की सफलता की कहानी अन्य लोगों तक पहुंच रही हैं, वे भी डेयरी कारोबार में प्रवेश कर रहे हैं।
स्नातक और डेयरी कारोबारी हरिंदर सिंह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'मैं इससे पहले ट्रांसपोर्ट के धंधे में था लेकिन बाद में मैंने इसे कम मुनाफे की वजह से छोड़ दिया। हमारे पास करीब 8 एकड़ भूमि है जबकि एक डेयरी फॉर्म शुरू करने के लिए 4 से 5 एकड़ भूमि काफी होती है जहां आप दुधारु नस्ल की गायें रख सकते हैं। इसलिए मैंने 10 पशुओं के साथ अपने कारोबार की शुरुआत की और आज मेरे पास 270 पशुधन है।' उन्होंने कहा कि व्यावसायिक डेयरी फॉर्मिंग काफी फायदेमंद है क्योंकि इसमें यह निश्चित है कि आपके उत्पाद बिक जाएंगे। उन्होंने कहा, 'लागत नियंत्रित करने के लिए किसान मशीनीकरण में निवेश कर रहे हैं और उन्होंने अपने फॉर्म में जो मशीनें लगाई हैं, उनमें मिल्क पार्लर और प्रशीतक शामिल हैं।'
एक अन्य स्नातक किसान दलजीत सिंह ने कहा, 'स्नातक की पढ़ाई के बाद मैं अपना कारोबार शुरू करना चाहता था और डेयरी फॉर्मिंग का कारोबार मुझे ठीक लगा। आज मेरे पास 500 से अधिक पशुधन है।' सिंह प्रोगेसिव डेयरी फॉर्मर्स एसोसिएशन (पीडीएफए) के अध्यक्ष भी हैं जो कि किसानों की मदद करता है। सिंह ने कहा, 'हमारे एसोसिएशन के करीब 80 फीसदी सदस्य 22 से 45 साल की उम्र के हैं और शिक्षित भी हैं। यह स्पष्ट करता है कि इस कारोबार में अधिक से अधिक संख्या में शिक्षित लोग आ रहे हैं।
शिक्षा की मदद से उन्हें प्रौद्योगिकी अपनाने में आसानी होती है। एसोसिएशन सभी नए कारोबारियों को प्रौद्योगिकी की जानकारी मुहैया कराती है ताकि सभी लोगों को निश्चित तौर पर मुनाफा मिल सके।' पीडीएफए के महासचिव बलबीर सिंह ने कहा, 'किसान तेजी से आधुनिक प्रौद्योगिकी अपना रहे हैं जिसका इस्तेमाल यूरोप और अमेरिका में हो रहा है। किसानों की मदद के लिए हम उन्हें हाथोहाथ मदद मुहैया करा रहे हैं और साथ ही उच्च नस्ल का वीर्य मुहैया करा रहे हैं।' पंजाब में सफलता के बाद पीडीएफए की योजना अब अन्य राज्यों में व्यावसायिक डेयरी फॉर्मिंग को प्रोत्साहित करने की है। एसोसिएशन ने ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव डेयरी फॉर्मर्स एसोसिएशन बनाई है और उसकी योजना किसानों को डेयरी खोलने के बारे में जानकारी मुहैया कराने की है।
पीडीएफएम के तकनीकी संयोजक डॉ. जसविंदर सिंह भट्टी ने कहा, 'पंजाब में प्रोगेसिव डेयरी फॉर्मिंग को काफी सफलता मिली है और यह अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल है। इसलिए एसोसिएशन की योजना हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में इस सफलता को दोहराने की है।' (BS Hindi)
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