31 मार्च 2014
फल-सब्जी बाजार भी निगरानी में
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की नजर अब सब्जियों एवं फलों के थोक बाजारों के साथ ही पेय पदार्थ निर्माताओं पर है। जल्द ही ऐसे बाजारों और निर्माताओं को प्राधिकरण की औचक जांच का सामना करना पड़ सकता है। अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकरण निगरानी बढ़ाने और जांच के वास्ते नमूने लेने के लिए एक पैनल का गठन करने की योजना बना रहा है ताकि इनकी नियमित तौर पर जांच सुनिश्चित की जा सके।
एफएसएसएआई के मुख्य कार्याधिकारी दिलीप कुमार सामंतराय ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'हम जल्द ही फल एवं सब्जियों के बाजारों में नियमित जांच की तैयारी कर रहे हैं। इसके साथ ही फल आधारित पेय पदार्थ निर्माण इकाइयों की भी जांच की जाएगी। निकट भविष्य में नमूने लेकर सतत निगरानी की जाएगी। इस दिशा में पहले ही काम शुरू किए जा चुके हैं।'
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एफएसएसएआई की केंद्रीय सलाहकार समिति की इस माह के शुरुआत में हुई बैठक में जांच और निगरानी के लिए विस्तृत प्रारूप तैयार करने और दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए एक विशेष निगरानी समिति का गठन किया गया है। एफएसएसएआई देश में खाद्य उत्पादों और आयातित खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता पर नजर रखने वाली नियामकीय एजेंसी है।
पिछले साल अक्टूबर में उच्चतम न्यायालय ने कर्बोनेटेड पेय पदार्थों में हानिकारक तत्वों के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर असर पडऩे को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए एफएसएसएआई ने यह कदम उठाया है। उच्चतम न्यायालय ने एफएसएसएआई को कार्बोनेटेड पेय पदार्थ इकाइयों के साथ ही प्रमुख फल एवं सब्जि बाजारों की निगरानी करने को कहा था ताकि खाद्य पदार्थों में कीटनाशकों की मौजूदगी को कम किया जा सके।
सामंतराय के मुताबिक अगर विनिर्माण इकाइयों या बाजार में बिकने वाले उत्पाद मानदंड पर खरे नहीं उतरते हैं तो संबंधित कंपनियों पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक कानून के तहत भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गंभीर मामले में दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है। अधिकारी ने बताया कि निगरानी प्रारूप तैयार करने के लिए गठित समिति द्वारा एक माह के अंदर रिपोर्ट सौंपे जाने की उम्मीद है। रिपोर्ट में ऐसी जांच के मानदंड और प्रक्रिया में एकरूपता लाई जाएगी। प्रारूप तैयार होने के बाद नियामक अपनी जांच शुरू करेगा। हालांकि कुछ जांच केंद्रीय नियामकीय एजेंसी करेगी लेकिन इसमें राज्य स्तर पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भी अहम भूमिका होगी। (BS Hindi)
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