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14 मार्च 2013

दूसरी छमाही में भारतीय गेहूं को मिलेगी कड़ी टक्कर

भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में चालू वर्ष की पहली छमाही में स्टॉक निकालने के लिए ज्यादा से ज्यादा निर्यात कर लेना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि चालू वर्ष की दूसरी छमाही में उसे गेहूं के वैश्विक बाजार में एशिया के दूसरे देशों से कड़ी टक्कर मिलेगी। एशियाई बाजार में इन देशों का नया गेहूं सुलभ हो जाएगा। यहां ग्लोबल ग्रेन कांफ्रेंस में भाग लेने आए प्रतिनिधियों के अनुसार हाल में इंडोनेशिया की एक मिल ने रूस से 260-270 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) के भाव पर गेहूं खरीद का सौदा किया है।इस सौदे के तहत 3,000 टन गेहूं की सप्लाई जुलाई में की जाएगी। हालांकि कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन के गेहूं की सप्लाई जुलाई व अगस्त में शुरू होगी। प्रतिनिधियों ने बताया कि भारत की सरकारी कंपनियों ने 300 डॉलर प्रति टन (एफओबी) का बेस प्राइस तय किया है। उसे ताजा बिड 303-305 डॉलर प्रति टन के भाव पर मिली है। अभी तक भारत ने 30 लाख टन गेहूं निर्यात की अनुमति दी है। हालांकि भारत से कुल 70 लाख टन तक गेहूं का निर्यात किया जा सकता है। कुछ जानकारों का अनुमान है कि निर्यात 90 लाख टन तक पहुंच सकता है। एक कमोडिटी ट्रेडर ने कहा कि हमें जुलाई से गेहूं व मक्का अन्य देशों से आने की उम्मीद दिखाई दे रही है। इससे भारतीय गेहूं को अंतरराष्ट्रीय बाजार में चुनौती मिलेगी। यही नहीं, कनाडा जल्दी ही इंडोनेशिया में अपने गेहूं के लिए प्रमोशन अभियान शुरू करने जा रहा है। दक्षिण-पूर्व एशिया में इंडोनेशिया सबसे बड़ा आयातक देश है। कनाडा के प्रांत सस्काचेवान की उप मंत्री अलाना कोच ने कहा कि फ्लोर मिलों के बीच कनाडा के उच्च ग्रेड के गेहूं के प्रमोशन के लिए वह इस सप्ताह इंडोनेशिया का दौरा करने वाली हैं। यहां 12-14 मार्च के बीच चलने वाली कांफ्रेंस ने कोच ने संवाददाताओं को बताया कि कनाडा के उच्च क्वालिटी वाले गेहूं के लिए इंडोनेशिया अच्छा बाजार है। हेमबर्ग स्थित क्रीमर ग्रुप की कंपनी पीटर क्रेमर के सिंगापुर में मैनेजिंग डायरेक्टर माइकेल जेस्टर ने कहा कि भारत में एक बार फिर गेहूं का बंपर उत्पादन होने के आसार हैं। चालू रबी सीजन में गेहूं का उत्पादन 930-950 लाख टन के बीच रह सकता है। जबकि घरेलू खपत 800 लाख टन से कम रहती है। जबकि भारत में पहले से ही अनाज भंडारण की सुविधाएं सीमित हैं। इस बीज, टर्की स्थित अनाज आयातक युलूसोउन ने भी रूस से 260-270 डॉलर प्रति टन (एसएंडएफ) के भाव पर जुलाई डिलीवरी गेहूं खरीद का सौदा किया है। यह कंपनी इंडोनेशिया की मिलिंग कंपनी गोल्डन ग्रांड को गेहूं की सप्लाई करती है। यूक्रेन का अगस्त डिलीवरी गेहूं 248 डॉलर प्रति टन (एफओबी) के भाव पर बिकने की संभावना है। (Business Bhaskar)

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