नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को नवंबर के लिए 22 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया है, जोकि अक्टूबर के 25.5 लाख टन की तुलना में कम है।
केंद्रीय खाद्वय एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने नवंबर 2024 के लिए चीनी का मासिक घरेलू कोटा 22 लाख टन का निर्धारित किया है, जोकि पहली नवंबर 2024 से लागू होगा। अक्टूबर में सरकार ने जहां 25.5 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया था, वहीं सितंबर में 23.5 लाख टन तथा अगस्त में 22 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया गया था।
चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) के साथ ही एथेनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई तो महाराष्ट्र में गन्ना पेराई में देरी हो सकती है। वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन, (डब्ल्यूआईएसएमए) के अनुसार पिछले पांच साल में चीनी के एमएसपी में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, जबकि इस दौरान गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य, एफआरपी में पांच बार बढ़ोतरी की जा चुकी है।
राज्य सरकार ने 15 नवंबर से गन्ने की पेराई आरंभ करने को कहा है।
डब्ल्यूआईएसएमए ने चीनी के एमएसपी को बढ़ाकर 42 से 43 रुपये तथा एथेनॉल के भाव को 73 रुपये प्रति लीटर करने की मांग की है।
चीनी उद्योग चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में बढ़ोतरी के लिए दबाव बना रहा है, जबकि केंद्र सरकार बढ़ोतरी के प्रस्ताव को टाल चुकी है। उद्योग के अनुसार फरवरी 2019 से चीनी का बिक्री मूल्य 31 रुपये प्रति पर बना हुआ है, साथ ही एथेनॉल की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि सरकार ने 2022-23 आपूर्ति वर्ष (नवंबर-अक्टूबर) के बाद से एथेनॉल की कीमतों को अपडेट नहीं किया है।
इस समय गन्ने के रस से उत्पादित इथेनॉल की कीमत 65.61 रुपये प्रति लीटर है, जबकि बी-हैवी और सी-हैवी गुड़ से प्राप्त इथेनॉल की कीमत क्रमश: 60.73 रुपये और 56.28 रुपये प्रति लीटर है।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुमान के अनुसार पहली अक्टूबर से शुरू होने वाले गन्ना पेराई सीजन 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन घरेलू मांग को पूरा करने के साथ ही इथेनॉल उत्पादन को तय लक्ष्य तक पूरा करने के लिए पर्याप्त होने की उम्मीद है।
मुंबई की वाशी मार्केट में सोमवार को एस 30 चीनी के भाव 3,700 से 3,800 रुपये तथा एम 30 किस्म की चीनी के दाम 3,800 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।