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02 अगस्त 2025

जुलाई अंत तक चीनी के उत्पादन में 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई - एनएफसीएसएफ

नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन (अक्टूबर-24 से सितंबर-25) के पहले 10 महीनों पहली अक्टूबर से जुलाई अंत तक चीनी के उत्पादन में 18.38 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 258.2 लाख टन का ही हुआ है।


राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) का अनुमान है कि चालू पेराई सीजन में कुल चीनी उत्पादन 261.1 लाख टन होने का अनुमान है, जो कि 2023-24 सीजन के उत्पादन 319 लाख टन से कम है।

एनएफसीएसएफ के अनुसार कर्नाटक और तमिलनाडु में जून से सितंबर तक विशेष पेराई कार्य चल रहा है, जिस कारण चीनी के कुल उत्पादन में कुछ अतिरिक्त टन की वृद्धि होने की उम्मीद है।

एनएफसीएसएफ के अनुसार देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में जुलाई तक उत्पादन घटकर 92.7 लाख टन का रह गया, जो कि पिछले साल के 103.6 लाख टन से कम है। दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में भी उत्पादन में भारी गिरावट देखी गई, जहां उत्पादन पिछले पेराई सीजन के 110 लाख टन से घटकर 80.90 लाख का ही हुआ है। इसी तरह से कर्नाटक में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 51.6 लाख टन से घटकर 40.6 लाख टन का रह गया।

चीनी के उत्पादन में आई गिरावट का प्रमुख कारण गन्ने की कम उपलब्धता, प्रतिकूल मौसम, इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के बढ़ते उपयोग और कीट एवं रोगों के प्रकोप के कारण फसल हो हुआ नुकसान है। एनएफसीएसएफ को उम्मीद है कि अनुकूल मानसून, महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की खेती में वृद्धि और सरकार द्वारा उचित एवं लाभकारी मूल्य में समय पर की गई वृद्धि के कारण आगामी पेराई सीजन 2025-26 में देश में चीनी का उत्पादन बढ़कर 350 लाख टन तक पहुंच जाएगा।

एनएफसीएसएफ ने सरकार से नीतिगत उपायों की मांग की है, जिनमें एथेनॉल खरीद मूल्यों में संशोधन, चीनी के लिए न्यूनतम बिक्री मूल्य में बढ़ोतरी के साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता के कारण प्रति व्यक्ति खपत में आई गिरावट को देखते हुए अतिरिक्त भंडार के प्रबंधन हेतु चीनी निर्यात की अनुमति शामिल है। 

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