नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2021-22 के पहले दो महीनों पहली अक्टूबर 2021 से 30 नवंबर 2021 तक चीनी का उत्पादन 9.73 फीसदी बढ़कर 47.21 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान केवल 43.02 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में 416 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 409 मिलों में ही पेराई आरंभ हो पाई थी।
चालू पेराई सीजन में अभी तक करीब 35 लाख टन चीनी के निर्यात सौदों हो चुकी
है, जोकि रॉ-शुगर के करीब 20-21 सेंट प्रति पाउंड की दर से हुए थे, हालांकि
हाल ही में विश्व बाजार में रॉ-शुगर के दाम 20 सेंट प्रति पाउंड से घटकर
18.6 सेंट प्रति पाउंड पर आ गए हैं, जिससे भारतीय निर्यातक नए निर्यात सौदे
नहीं कर रहे हैं।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में 30 नवंबर 2021 तक 20.34 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 15.79 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में 172 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 158 चीनी मिलों में ही पेराई आरंभ हो पाई थी।
उत्तर प्रदेश में 30 नवंबर तक 101 चीनी मिलों ने पेराई आरंभ कर दी है, जबकि पिछले सीजन की समान अवधि में 111 मिलों ने पेराई आरंभ कर दी थी। राज्य में 30 नवंबर 2021 तक 10.39 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि के 12.65 लाख टन से कम है।
कर्नाटक में 30 नवंबर 21 तक 12.76 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 11.11 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में चालू पेराई सीजन में 66 मिलों ने गन्ने की पेराई आरंभ कर दी है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 63 मिलों ने ही पेराई आरंभ की थी।
गुजरात में चालू पेराई सीजन में 30 नवंबर 2021 तक 15 चीनी मिलों ने पेराई आरंभ कर दी है, तथा 1.66 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जबकि पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य की इतनी ही चीनी मिलों ने 1.65 लाख टन चीनी का उत्पादन कर दिया था।
देश के अन्य राज्यों उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में 30 नवंबर 2021 तक 2.06 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है तथा इन राज्यों में 62 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है। पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इन राज्यों में 1.82 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।
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