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16 मई 2020

राजस्थान में हड़ताल पर व्यापारियों में नहीं बनी सहमति, बीकानेर और श्रीगंगानगर समेत कई मंडियों बंद

आर एस राणा
नई दिल्ली। राजस्थान की मंडियों में किसान कल्याण फीस के मामले पर राज्य भर के कारोबारी दो फाड़ हो गए हैं। कारोबारियों ने सरकार से बगैर राहत मिले राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के हड़ताल वापसी के फैसले को विश्वासघात करार दिया है। लिहाजा बीकानेर और श्रीगंगानगर समेत राज्य की कई मंडियां अभी बंद हैं। वहीं टोंक में किसानों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ मंडी में हंगामा कर दिया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आश्वासन के बाद राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने एक हफ्ते से जारी हड़ताल को खत्म करने का एलान कर दिया था। संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने व्यापारियों की समस्या पर विचार करने का आश्वासन दिया है। हालांकि उनके इस फैसले का राज्य के दूसरे स्थानीय संगठनों ने विरोध कर दिया है।
इस महीने के शुरुआत में राजस्थान सरकार ने मंडियों में होने वाले कारोबार पर 2 फीसदी किसान कल्याण फीस लगाने का एलान कर दिया था। ये फीस 1.6 फीसदी मंडी टैक्स के ऊपर से वसूली जा रही है। जिसका विरोध करते हुए राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने अनिश्चित कालीन हड़ताल का एलान कर दिया था। लेकिन लेकिन अभी तक 2 फीसदी किसान कल्याण फीस को वापिस नहीं लिया है, तथा इस बारे में केवल आश्वासन ही दिया है। जिसे राज्य के आधे व्यापारियों ने मानने से इनकार कर दिया है। लिहाजा हड़ताल समाप्त करने के बाद भी बीकानेर, गंगानगर, टोंक, सुमेरपुर, निमाई, व्यावर और नागौर समेत राज्य की ज्यादातर मंडियां नहीं खुली।
गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन ने राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता को लिखे अपने पत्र में असहमति जताते हुए संघ से अपने रिश्ते खत्म करके अनिश्चत कालीन हड़ताल का एलान कर दिया है। एसोसिएशन के सचिव विनय जिंदल के मुताबिक बाबूलाल गुप्ता कारोबारियों, उद्योग और किसानों की भावनाओं को नहीं समझ पाए और बिना किसी चर्चा के एकतरफा फैसला ले लिया है। सुमेरपुर व्यापार संघ ने भी राजस्थान व्यापार संघ के हड़ताल वापसी के फैसले को एकतरफा करार दिया है और 2 फीसदी किसान कल्याण फीस के वापस लिए जाने तक अनिश्चित कालीन हड़ताल कर दिया है। वहीं बीकानेर कच्ची आढ़त व्यापार संघ ने भी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है। संघ के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद पेड़ीवाल के मुताबिक राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ हमारे हितों की रक्षा नहीं कर पा रहा है। लिहाजा हम राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के किसी भी फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
इस बीच सुमेरपुर मंडी में किसानों ने हंगामा कर दिया। किसानों का कहना है कि राज्य सरकार के इस तुगलकी फरमान से व्यापारी उनकी उपज का कम भाव लगा रहे हैं। वहीं कारोबारियों की दलील है कि राज्य सरकार के इस फैसले का बोझ किसानों पर ही आएगा क्योंकि इस 2 फीसदी के अतिरिक्त टैक्स से खर्च बढ़ जायेंगे।.....  आर एस राणा

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