आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले सात महीनों में चीनी के उत्पादन 19.80 फीसदी की कमी आकर कुल 258.01 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान 317.71 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में अभी तक करीब 35 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हुए हैं, हालांकि पिछले दो महीनों में विश्व बाजार में चीनी के दाम घटे हैं। लॉकउाउन के कारण चीनी में ग्राहकी कमजोर है, माना जा रहा है कि लॉकडाउन खुलने के बाद ही इसमें मांग बढ़ेगी।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार इस समय देशभर में केवल 112 चीनी मिलों में पेराई चल रही है, जिनमें से ज्यादातर उत्तर भारत की है। पिछले साल इस समय देशभर में 90 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी। कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण चीनी की घरेलू मांग में कमी आई है, क्योंकि होटल, दुकानें तथा मॉल आदि बंद हैं। उद्योग के अनुसार मार्च और अप्रैल मे चीनी की घरेलू खपत करीब 10 लाख टन कम हुई है। हालांकि पेराई सीजन के पहले पांच महीनों में चीनी की खपत में बढ़ोतरी हुई थी।
उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़ा, महाराष्ट्र में घटा
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 30 अप्रैल तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 116.52 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में केवल 112.80 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की 119 चीनी मिलों में से 44 में पेराई बंद हो चुकी है तथा इस समय 75 में ही पेराई चल रही है। लॉकडाउन के कारण राज्य में गुड़ और खांडसारी इकाइयां लगभग बंद हो चुकी है जिस कारण चीनी मिलों को ज्यादा गन्ना मिल रहा है। महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 60.67 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की तुलना में 46.5 कम है। पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 107.15 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।
कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में भी घटा उत्पादन
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में मध्य अप्रैल तक चीनी का उत्पादन घटकर 33.82 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में 43.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में 5.41 लाख टन का ही हुआ है जोकि पिछले साल के 7.02 लाख टन से कम है। गुजरात में पिछले साल इस समय तक 11.21 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था, जबकि चालू पेराई सीजन में केवल 9.02 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है।
विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में आई नरमी से निर्यात सौदे प्रभावित
अन्य राज्यों में आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तथा राजस्थान को मिलाकर 30 अप्रैल तक 32.57 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। इस्मा के अनुसार विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में आई नरमी से निर्यात सौदे प्रभावित हुए हैं, हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपया नीचले स्तर पर आने से निर्यातकों को कुछ राहत मिली है। चालू पेराई सीजन में अभी तक करीब 35 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हुए हैं।....... आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले सात महीनों में चीनी के उत्पादन 19.80 फीसदी की कमी आकर कुल 258.01 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान 317.71 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में अभी तक करीब 35 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हुए हैं, हालांकि पिछले दो महीनों में विश्व बाजार में चीनी के दाम घटे हैं। लॉकउाउन के कारण चीनी में ग्राहकी कमजोर है, माना जा रहा है कि लॉकडाउन खुलने के बाद ही इसमें मांग बढ़ेगी।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार इस समय देशभर में केवल 112 चीनी मिलों में पेराई चल रही है, जिनमें से ज्यादातर उत्तर भारत की है। पिछले साल इस समय देशभर में 90 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी। कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण चीनी की घरेलू मांग में कमी आई है, क्योंकि होटल, दुकानें तथा मॉल आदि बंद हैं। उद्योग के अनुसार मार्च और अप्रैल मे चीनी की घरेलू खपत करीब 10 लाख टन कम हुई है। हालांकि पेराई सीजन के पहले पांच महीनों में चीनी की खपत में बढ़ोतरी हुई थी।
उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़ा, महाराष्ट्र में घटा
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 30 अप्रैल तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 116.52 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में केवल 112.80 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की 119 चीनी मिलों में से 44 में पेराई बंद हो चुकी है तथा इस समय 75 में ही पेराई चल रही है। लॉकडाउन के कारण राज्य में गुड़ और खांडसारी इकाइयां लगभग बंद हो चुकी है जिस कारण चीनी मिलों को ज्यादा गन्ना मिल रहा है। महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 60.67 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की तुलना में 46.5 कम है। पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 107.15 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।
कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में भी घटा उत्पादन
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में मध्य अप्रैल तक चीनी का उत्पादन घटकर 33.82 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में 43.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में 5.41 लाख टन का ही हुआ है जोकि पिछले साल के 7.02 लाख टन से कम है। गुजरात में पिछले साल इस समय तक 11.21 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था, जबकि चालू पेराई सीजन में केवल 9.02 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है।
विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में आई नरमी से निर्यात सौदे प्रभावित
अन्य राज्यों में आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तथा राजस्थान को मिलाकर 30 अप्रैल तक 32.57 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। इस्मा के अनुसार विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में आई नरमी से निर्यात सौदे प्रभावित हुए हैं, हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपया नीचले स्तर पर आने से निर्यातकों को कुछ राहत मिली है। चालू पेराई सीजन में अभी तक करीब 35 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हुए हैं।....... आर एस राणा
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