कुल पेज दृश्य

16 मई 2020

केंद्र सरकार ने उड़द आयात की सीमा 31 मई तक बढ़ाई, आयातित उड़द के भाव तेज

आर एस राणा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण विश्वभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार ने उड़द के आयात की मियाद को 31 मई 2020 तक बढ़ा दिया है, इससे म्यांमार में उड़द की कीमतों में सुधार आया। हालांकि व्यापारियों का मानना है कि इससे ज्यादा आयात सौदे नहीं हो पायेंगे। म्यांमार में 3 मई को भारत के लिए 20-30 कंटेनर एफएक्यू उड़द की खरीद हुई है। ये सौदे 710-715 डॉलर टन एफओबी की दर पर हुए हैं, जिनकी शिपमेंट 19-20 मई तक होने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार ने मिलों की मांग के मद्देनजर वित्त वर्ष 2019-20 के अतिरिक्त 2.5 लाख टन उड़द आयात कोटे की अंतिम तारिख को 31 मई तक के लिए बढ़ा दी है। लॉकडाउन के कारण लोडिंग और अनलोडिंग तथा आयात सौदों में आ रही दिक्कतों की वजह से 15 मई तक आयात नहीं होने की वजह से दाल मिलों ने केंद्र सरकार से समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी।
विदेश व्यापार महानिदेशालय, डीजीएफटी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार दाल मिलर्स अब 31 मई 2020 तक आयातित उड़द को भारतीय बंदरगाहों पर ला सकेंगे। डीजीएफटी ने इसकी जानकारी सभी क्षेत्रीय कार्यालयों समेत कस्टम विभाग और व्यापार प्रतिनिधियों को भी दे दी है।
दिसंबर 2019 में बढ़ती कीमतों पर काबू के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 2.5 लाख टन उड़द आयात का अतिरिक्त कोटा जारी किया था। शुरुआत में इसे 31 मार्च 2020 तक भारत पहुंचने की अंतिम तारिख तय की गई थी लेकिन इसी बीच जानलेवा कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन हो गया और लॉजिस्टिक दिक्कतों की वजह से 31 मार्च तक उड़द आयात करना मुश्किल दिखने लगा। तब मिलों की मांग को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने इसकी मियाद को 30 अप्रैल 2020 तक बढ़ा दिया लेकिन इस दौरान भारत मे देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से शिपमेंट नहीं हो सकी। बाद में 16 अप्रैल को सरकार ने इसकी डेडलाइन को बढ़ाकर 15 मई कर दिया। लेकिन इस दौरान भारत मे लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है। यह सही है कि सरकार ने लॉजिस्टिक और माल ढुलाई को लॉकडाउन से छूट दे रखी है। लेकिन इसके बावजूद आयात नहीं हो सका। अब फिर से सरकार ने तीसरी बार आयात कोटे की समय सीमा को बढ़ाकर 31 मई 2020 किया है।
आल इंडिया दाल मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि उड़द आयात की समय सीमा को बढ़ाने का फायदा नहीं हो पायेगा, क्योंकि सरकार ने अंतिम समय मे जाकर समय सीमा बढ़ाने को बढ़ाने का फैसला किया है। अत: ऐसे में सवाल यह है कि आयातक कब आयात सौदे करेंगे तथा नए आयात सौदों की लोडिंग कब ते पायेगी, तथा यह माल तय समय में नहीं आ पायेगा। म्यांमार से चैन्नई 8 से 10 दिन और मुंबई बंदरगाह पर आने में 15 दिन का समय लग जाता है। इसलिए सीमित मात्रा में ही आयात हो पायेगा। जानकारों के अनुसार आयातित उड़द के दो जहां अगले एक-दो दिनों में चैन्नई पहुंचने वाले हैं।.......... आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: