कुल पेज दृश्य

16 मई 2020

देश में खाद्यान्न का रिकार्ड 29.56 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान, चावल और गेहूं की बंपर पैदावार

आर एस राणा
नई दिल्ली। देश में इस साल खाद्यान्नों का रिकॉर्ड उत्पादन करीब 29.56 करोड़ टन होने की उम्मीद है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी फसल वर्ष 2019-20 के तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में इस साल खाद्यान्नों का उत्पादन 29.56 करोड़ टन से ज्यादा हो सकता है जोकि पिछले साल के उत्पादन 28.52 करोड़ टन से 104.6 लाख टन अधिक है।
मंत्रालय द्वारा जारी अनुमान के अनुसार फसल चावल का उत्पादन 2019-20 में 11.79 करोड़ टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 11.64 करोड़ टन से ज्यादा है। इसी तरह से गेहूं का उत्पादन इस साल करीब 10.72 करोड़ टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 10.36 करोड़ टन से अधिक है। दालों का उत्पादन 2019-20 में 230.10 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले पांच साल के 220.8 लाख टन ज्यादा है। हालांकि दालों का उत्पादन वर्ष 2017-18 के रिकार्ड उत्पादन 254.2 लाख टन से कम है। दालों में अरहर का उत्पादन इस साल 37.5 लाख टन और चने का 109 लाख टन होने का अनुमान है। इस दौरान उड़द का उत्पादन 23.3 लाख टन, मसूर का 14.4 लाख टन और मूंग का 23.4 लाख टन होने का अनुमान है।
मोटे अनाजों का रिकार्ड उत्पादन का अनुमान, तिलहन का पिछले साल से ज्यादा
मोटे अनाजों का उत्पादन भी इस साल रिकार्ड 475.4 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के उत्पादन 430.6 लाख टन से 44.8 लाख टन ज्यादा है। मोटे अनाज में मक्का का रिकॉर्ड उत्पादन 289.8 लाख टन होने का अनुमान है। तिलहन फसलों का उत्पादन इस साल 335.01 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के मुकाबले 19.8 लाख टन अधिक है जबकि पिछले पांच साल के औसत 41 लाख टन ज्यादा है। तिलहनों में सोयाबीन का उत्पादन 122.42 लाख टन, सरसों का उत्पादन 87.03 लाख टन और मूंगफली का 93.5 लाख टन होने का अनुमान है।
गन्ने के उत्पादन में कमी आने की आशंका
गन्ने का उत्पादन 2019-20 में 35.81 करोड़ टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 40.54 लाख टन से कम है। वहीं कपास का उत्पादन इस साल 360.5 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलोग्राम) होने का अनुमान है जोकि पिछले साल से 80.1 लाख गांठ अधिक है। जूट का उत्पादन इस साल 99.2 लाख गांठ (एक गांठ 180 किलोग्राम) होने का अनुमान है।...........  आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: