आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून पांच जून 2020 को केरल पहुंचने का अनुमान है, सामान्यत: पहली जून को मानसून केरल पहुंच जाता है। अत: इस बार मानसून के आगमन में चार दिन की देरी होने का अनुमान है।
मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार केरल में मानसून पांच जून 2020 (चार दिन पहले या बाद में) आने को आने का अनुमान है। मौसम विभाग ने पिछले साल 6 जून को मानसून के केरल में पहुचने की भविष्यवाणी की थी, जबकि मानसून का आगमन 8 जून 2019 को हुआ था। इससे पहले वर्ष 2018 में मौसम विभाग ने 29 मई को केरल में मानसून पहुंचने की भविष्यवाणी की थी, तथा 29 मई 2018 को ही मानसून ने केरल के तट पर दस्तक दे दी थी।
खरीफ फसलों धान, मोटे अनाज, दालें, कपास और तिलहन की लिए अहम
दक्षिण पश्चिम मानसून खरीफ फसलों धान, मोटे अनाज, दालें, कपास और तिलहन की लिए अहम है। केरल में मानसून आने के साथ देश में चार महीने के बारिश के मौसम की आधिकारिक शुरुआत हो जाती है। इस साल से भारतीय मौसम विभाग ने 1960-2019 के आंकड़ों के आधार पर देश के कई हिस्सों के लिए मानसून की शुरुआत और वापसी की तारीखों को भी संशोधित किया है जबकि पिछली तारीखें 1901 और 1940 के आंकड़ों पर आधारित थीं।
इस साला सामान्य मानसून रहने का अनुमान
इस साल देश में मानूसन सामान्य रहने का अनुमान है। अर्थ साइंस मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने पहले अनुमान में अप्रैल में कहा था कि लांग टर्म पीरियड एवरेज में मानसून 96 से 104 फीसदी रह सकता है। इस बात की संभावना 48 फीसदी है। मौसम विभाग के अनुसार जून से सितंबर में पूरे देश अच्छी बारिश होगी तथा इस बात की संभावना बेहद कम है कि बारिश सामान्य से कमजोर हो।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून पांच जून 2020 को केरल पहुंचने का अनुमान है, सामान्यत: पहली जून को मानसून केरल पहुंच जाता है। अत: इस बार मानसून के आगमन में चार दिन की देरी होने का अनुमान है।
मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार केरल में मानसून पांच जून 2020 (चार दिन पहले या बाद में) आने को आने का अनुमान है। मौसम विभाग ने पिछले साल 6 जून को मानसून के केरल में पहुचने की भविष्यवाणी की थी, जबकि मानसून का आगमन 8 जून 2019 को हुआ था। इससे पहले वर्ष 2018 में मौसम विभाग ने 29 मई को केरल में मानसून पहुंचने की भविष्यवाणी की थी, तथा 29 मई 2018 को ही मानसून ने केरल के तट पर दस्तक दे दी थी।
खरीफ फसलों धान, मोटे अनाज, दालें, कपास और तिलहन की लिए अहम
दक्षिण पश्चिम मानसून खरीफ फसलों धान, मोटे अनाज, दालें, कपास और तिलहन की लिए अहम है। केरल में मानसून आने के साथ देश में चार महीने के बारिश के मौसम की आधिकारिक शुरुआत हो जाती है। इस साल से भारतीय मौसम विभाग ने 1960-2019 के आंकड़ों के आधार पर देश के कई हिस्सों के लिए मानसून की शुरुआत और वापसी की तारीखों को भी संशोधित किया है जबकि पिछली तारीखें 1901 और 1940 के आंकड़ों पर आधारित थीं।
इस साला सामान्य मानसून रहने का अनुमान
इस साल देश में मानूसन सामान्य रहने का अनुमान है। अर्थ साइंस मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने पहले अनुमान में अप्रैल में कहा था कि लांग टर्म पीरियड एवरेज में मानसून 96 से 104 फीसदी रह सकता है। इस बात की संभावना 48 फीसदी है। मौसम विभाग के अनुसार जून से सितंबर में पूरे देश अच्छी बारिश होगी तथा इस बात की संभावना बेहद कम है कि बारिश सामान्य से कमजोर हो।........... आर एस राणा
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