आर एस राणा
नई दिल्ली। उतर प्रदेश में जैसे-जैसे गन्ने का पेराई सीजन आगे बढ़ रहा है, उसी के साथ गन्ना किसानों के बकाया में भी बढ़ोतरी हो रही है। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 में 14 फरवरी 2020 तक राज्य की चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर 6,718 करोड़ रुपये हो गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में आए सुधार से चीनीका निर्यात भी बढ़ा है, लेकिन इसका फायदा भी गन्ना किसानों को नहीं मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश गन्ना आयुक्त कार्यालय के अनुसार चालू पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में पहली अक्टूबर 2019 से 14 फरवरी 2020 तक राज्य की चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर 6,718.98 करोड़ रुपये हो गया है जबकि राज्य की चीनी मिलों ने पेराई सीजन 2018-19 का 628.10 करोड़ रुपये का भुगतान भी अभी तक नहीं किया है। चालू पेराई सीजन में बकाया भुगतान में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी राज्य की प्राइवेट चीनी मिलों पर बढ़कर 6,044.64 करोड़ रुपये, सहकारी चीनी मिलों पर 519.05 करोड़ रुपये और निगम की चीनी मिलों पर 155.29 करोड़ रुपये हो चुका है। चालू पेराई सीजन में राज्य में 119 चीनी मिलों में पेराई चल रही है, जबकि पिछले साल 117 चीनी मिलों में पेराई चल रही है।
राज्य में चीनी का उत्पादन ज्यादा
चालू पेराई सीजन में राज्य में चीनी का उत्पादन बढ़कर 65.58 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 63.24 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में गन्ने में औसतन रिकवरी 10.97 फीसदी की आ रही है जबकि पिछले पेराई सीजन में औसतन रिकवरी 11.14 फीसदी की आई थी। राज्य की चीनी मिलें चालू पेराई सीजन में 14 फरवरी तक 5,997.68 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई कर चुकी हैं।
चालू पेराई सीजन में 30 लाख टन से ज्यादा हो चुके हैं निर्यात के सौदे
उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में 30 लाख टन से ज्यादा चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं तथा विश्व बाजार में कीमतों में आए सुधार से निर्यात 50 से 55 लाख टन होने का अनुमान है। केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन में 60 लाख टन चीनी के निर्यात का लक्ष्य तय किया हुआ है तथा केंद्र सरकार चीनी के निर्यात पर मिलों को 104.48 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी दे रही है। उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर 260 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में 330 लाख टन का उत्पादन हुआ था।.... आर एस राणा
नई दिल्ली। उतर प्रदेश में जैसे-जैसे गन्ने का पेराई सीजन आगे बढ़ रहा है, उसी के साथ गन्ना किसानों के बकाया में भी बढ़ोतरी हो रही है। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 में 14 फरवरी 2020 तक राज्य की चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर 6,718 करोड़ रुपये हो गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में आए सुधार से चीनीका निर्यात भी बढ़ा है, लेकिन इसका फायदा भी गन्ना किसानों को नहीं मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश गन्ना आयुक्त कार्यालय के अनुसार चालू पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में पहली अक्टूबर 2019 से 14 फरवरी 2020 तक राज्य की चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर 6,718.98 करोड़ रुपये हो गया है जबकि राज्य की चीनी मिलों ने पेराई सीजन 2018-19 का 628.10 करोड़ रुपये का भुगतान भी अभी तक नहीं किया है। चालू पेराई सीजन में बकाया भुगतान में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी राज्य की प्राइवेट चीनी मिलों पर बढ़कर 6,044.64 करोड़ रुपये, सहकारी चीनी मिलों पर 519.05 करोड़ रुपये और निगम की चीनी मिलों पर 155.29 करोड़ रुपये हो चुका है। चालू पेराई सीजन में राज्य में 119 चीनी मिलों में पेराई चल रही है, जबकि पिछले साल 117 चीनी मिलों में पेराई चल रही है।
राज्य में चीनी का उत्पादन ज्यादा
चालू पेराई सीजन में राज्य में चीनी का उत्पादन बढ़कर 65.58 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 63.24 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में गन्ने में औसतन रिकवरी 10.97 फीसदी की आ रही है जबकि पिछले पेराई सीजन में औसतन रिकवरी 11.14 फीसदी की आई थी। राज्य की चीनी मिलें चालू पेराई सीजन में 14 फरवरी तक 5,997.68 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई कर चुकी हैं।
चालू पेराई सीजन में 30 लाख टन से ज्यादा हो चुके हैं निर्यात के सौदे
उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में 30 लाख टन से ज्यादा चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं तथा विश्व बाजार में कीमतों में आए सुधार से निर्यात 50 से 55 लाख टन होने का अनुमान है। केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन में 60 लाख टन चीनी के निर्यात का लक्ष्य तय किया हुआ है तथा केंद्र सरकार चीनी के निर्यात पर मिलों को 104.48 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी दे रही है। उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर 260 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में 330 लाख टन का उत्पादन हुआ था।.... आर एस राणा
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