आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 के मसौदे को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें कीटनाशक का सुरक्षित एवं प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बैठक के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि कैबिनेट ने ये फैसला लिया है कि अगले संसद सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा। इस बिल के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसान को कीटनाशक खरीदते समय ये पूरी जानकारी मिले की वह कीटनाशक कैसा है, उसका क्या नुकसान है और क्या फायदा है। कीटनाशक के बारे में सारी जानकारी उसे बेचने वाला विक्रेता देगा और कंपनियां ये सुनिश्चत करेंगी। नए बिल में गलत तरीके से पेस्टिसाइड बिक्री करने पर सजा का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि कृषि रसायनों की कीमतें सस्ती रहें और ये किसानों को आसानी से उपलब्ध भी हो सकें।
इसका उद्देश्य किसानों को सुरक्षित एवं प्रभावी कीटनाशक उपलब्ध कराना
जावड़ेकर ने कहा कि यह मोदी सरकार की किसानों के कल्याण के लिए एक और पहल है। इसका उद्देश्य किसानों को सुरक्षित एवं प्रभावी कीटनाशक उपलब्ध कराना है जो फसलों की दृष्टि से सुरक्षित एवं प्रभावी हो। विधेयक में किसानों को नकली और अनधिकृत कीटनाशक से बचाने के उपाय किये गये हैं। विधेयक के मुताबिक अगर कोई मिलावटी कीटनाशक और बिना पंजीकरण वाला कीटनाशक बेचता है तब उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है और आपराधिक मामला भी चलाया जा सकता है। जावड़ेकर ने संवाददातओं को बताया कि 2008 में कीटनाशक प्रबंधन विधेयक आया था लेकिन वह संसद से पारित नहीं हो सका। उस विधेयक को वापस लेकर और स्थायी समिति की सिफारिशों एवं अन्य सुझावों पर विचार करने के बाद नए रूप में कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 लाने जा रहे हैं।
आर्गेनिक कीटनाशक के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कीटनाशकों के बारे में किसानों को सभी प्रकार की जानकारी मिले जिसमें उसके उपयोग, उससे जुड़े खतरे आदि के बारे में इस विधेयक में प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें आर्गेनिक कीटनाशक के उपयोग को प्रोत्साहित करने की बात भी कही गई है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि गलत कीटनाशक के कारण खेती का या व्यक्ति को कोई नुकसान होता है, तब इसमें मुआवजे की भी व्यवस्था की गई है। जावड़ेकर ने कहा कि कीटनाशकों का विज्ञापन कैसे किय जाए, इस संबंध में मानक बनाने की भी विधेयक में प्रावधान किया गया है।............ आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 के मसौदे को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें कीटनाशक का सुरक्षित एवं प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बैठक के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि कैबिनेट ने ये फैसला लिया है कि अगले संसद सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा। इस बिल के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसान को कीटनाशक खरीदते समय ये पूरी जानकारी मिले की वह कीटनाशक कैसा है, उसका क्या नुकसान है और क्या फायदा है। कीटनाशक के बारे में सारी जानकारी उसे बेचने वाला विक्रेता देगा और कंपनियां ये सुनिश्चत करेंगी। नए बिल में गलत तरीके से पेस्टिसाइड बिक्री करने पर सजा का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि कृषि रसायनों की कीमतें सस्ती रहें और ये किसानों को आसानी से उपलब्ध भी हो सकें।
इसका उद्देश्य किसानों को सुरक्षित एवं प्रभावी कीटनाशक उपलब्ध कराना
जावड़ेकर ने कहा कि यह मोदी सरकार की किसानों के कल्याण के लिए एक और पहल है। इसका उद्देश्य किसानों को सुरक्षित एवं प्रभावी कीटनाशक उपलब्ध कराना है जो फसलों की दृष्टि से सुरक्षित एवं प्रभावी हो। विधेयक में किसानों को नकली और अनधिकृत कीटनाशक से बचाने के उपाय किये गये हैं। विधेयक के मुताबिक अगर कोई मिलावटी कीटनाशक और बिना पंजीकरण वाला कीटनाशक बेचता है तब उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है और आपराधिक मामला भी चलाया जा सकता है। जावड़ेकर ने संवाददातओं को बताया कि 2008 में कीटनाशक प्रबंधन विधेयक आया था लेकिन वह संसद से पारित नहीं हो सका। उस विधेयक को वापस लेकर और स्थायी समिति की सिफारिशों एवं अन्य सुझावों पर विचार करने के बाद नए रूप में कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 लाने जा रहे हैं।
आर्गेनिक कीटनाशक के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कीटनाशकों के बारे में किसानों को सभी प्रकार की जानकारी मिले जिसमें उसके उपयोग, उससे जुड़े खतरे आदि के बारे में इस विधेयक में प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें आर्गेनिक कीटनाशक के उपयोग को प्रोत्साहित करने की बात भी कही गई है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि गलत कीटनाशक के कारण खेती का या व्यक्ति को कोई नुकसान होता है, तब इसमें मुआवजे की भी व्यवस्था की गई है। जावड़ेकर ने कहा कि कीटनाशकों का विज्ञापन कैसे किय जाए, इस संबंध में मानक बनाने की भी विधेयक में प्रावधान किया गया है।............ आर एस राणा
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