आर एस राणा
नई दिल्ली। धान की कीमतों में आई गिरावट ने किसानों की दीपाली फीकी कर दी है। पंजाब और हरियाणा की उत्पादक मंडियों में धान के भाव पिछले साल की तुलना में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे आ गए है। उत्तर प्रदेश की मंडियों से खरीद कम होने के कारण किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बेचना पड़ रहा है।
हरियाणा के झज्जर जिले के मांडौठी गांव के किसान चरणसिंह ने बताया कि उन्होंने चार एकड़ में पूसा बासमती 1,121 धान की फसल लगाई थी। जिले में बारिश नहीं होने से डीजल इंजन से सिंचाई करनी पड़ी जिस कारण इस बार लागत पिछले साल की तुलना में प्रति एकड़ सात से आठ हजार रुपये ज्यादा आई। नजफगढ़ मंडी में उनका धान 2,800 रुपये प्रति क्विंटल बिका, जबकि पिछले साल उन्होंने 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेचा था। उन्होंने बताया कि इस बार लागत ज्यादा आई और भाव कम मिला। जिस कारण उन्हें मुनाफा तो दूर, पूरी लागत भी वसूल नहीं हो पाई।
खरीद केंद्र तो खुले हैं लेकिन खरीदने वाले अधिकारी गायब
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की पूरनपुर तहसील के गांव बेगपुर के किसान गुरुप्रीत सिंह ने बताया कि मंडी में धान की खरीद करने के लिए केंद्र तो खोले गए हैं, लेकिन खरीदने वाले अधिकारी नहीं है जिस कारण मजबूरन आढ़ियों को धान बेचना पड़ा। उन्होंने बताया कि मंडी में धान 1,650 से 1,675 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है जबकि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए सामान्य किस्म का 1,815 रुपये और ग्रेड ए का 1,835 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
पूसा 1,121 और डीपी धान की हो रही है आवक ज्यादा
हरियाणा की कैथल मंडी के धान कारोबारी रामनिवास ने बताया कि मंडी में शुक्रवार को पूसा बासमती 1,121 धान के भाव घटकर 2,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि पिछले साल इसके भाव 3,100 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल थे। इसी तरह से पूसा 1,509 धान के भाव घटकर मंडियों में 2,400-2,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि पिछले साल इस समय मंडी में इसके भाव 2,700-2,800 रुपये प्रति क्विंटल थे। उन्होंने बताया कि मंडी में डूप्लीकेट बासमती धान के भाव घटकर 2,200 से 2,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जोकि पिछले साल की तुलना में 300 से 400 रुपये कम है। मंडी में पूसा 1,121 धान की दैनिक आवक बढ़कर 10 हजार बोरी, डीपी धान की 50 हजार बोरी और पूसा 1,509 की पांच हजार बोरी की हुई।
बासमती चावल का ईरान और सऊदी अरब को नहीं हो रहा निर्यात
नरेला मंडी के चावल कारोबारी महेंद्र जैन ने बताया कि बासमती चावल के ईरान और सऊदी अरब को निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं, जिसका सीधा असर धान की कीमतों पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पूसा 1,121 बासमती चावल सेला का भाव घटकर 5,600 रुपये और पूसा 1,509 धान के सेला चावल काभाव 5,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। डीपी सेला चावल का भाव घटकर 4,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इन भाव में निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं, जबकि आगे मंडियों में आगे पूसा 1,211 और डीपी धान की दैनिक आवक बढ़ेगी, जिससे और गिरावट आने का अनुमान है। .............. आर एस राणा
नई दिल्ली। धान की कीमतों में आई गिरावट ने किसानों की दीपाली फीकी कर दी है। पंजाब और हरियाणा की उत्पादक मंडियों में धान के भाव पिछले साल की तुलना में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे आ गए है। उत्तर प्रदेश की मंडियों से खरीद कम होने के कारण किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बेचना पड़ रहा है।
हरियाणा के झज्जर जिले के मांडौठी गांव के किसान चरणसिंह ने बताया कि उन्होंने चार एकड़ में पूसा बासमती 1,121 धान की फसल लगाई थी। जिले में बारिश नहीं होने से डीजल इंजन से सिंचाई करनी पड़ी जिस कारण इस बार लागत पिछले साल की तुलना में प्रति एकड़ सात से आठ हजार रुपये ज्यादा आई। नजफगढ़ मंडी में उनका धान 2,800 रुपये प्रति क्विंटल बिका, जबकि पिछले साल उन्होंने 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेचा था। उन्होंने बताया कि इस बार लागत ज्यादा आई और भाव कम मिला। जिस कारण उन्हें मुनाफा तो दूर, पूरी लागत भी वसूल नहीं हो पाई।
खरीद केंद्र तो खुले हैं लेकिन खरीदने वाले अधिकारी गायब
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की पूरनपुर तहसील के गांव बेगपुर के किसान गुरुप्रीत सिंह ने बताया कि मंडी में धान की खरीद करने के लिए केंद्र तो खोले गए हैं, लेकिन खरीदने वाले अधिकारी नहीं है जिस कारण मजबूरन आढ़ियों को धान बेचना पड़ा। उन्होंने बताया कि मंडी में धान 1,650 से 1,675 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है जबकि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए सामान्य किस्म का 1,815 रुपये और ग्रेड ए का 1,835 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
पूसा 1,121 और डीपी धान की हो रही है आवक ज्यादा
हरियाणा की कैथल मंडी के धान कारोबारी रामनिवास ने बताया कि मंडी में शुक्रवार को पूसा बासमती 1,121 धान के भाव घटकर 2,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि पिछले साल इसके भाव 3,100 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल थे। इसी तरह से पूसा 1,509 धान के भाव घटकर मंडियों में 2,400-2,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि पिछले साल इस समय मंडी में इसके भाव 2,700-2,800 रुपये प्रति क्विंटल थे। उन्होंने बताया कि मंडी में डूप्लीकेट बासमती धान के भाव घटकर 2,200 से 2,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जोकि पिछले साल की तुलना में 300 से 400 रुपये कम है। मंडी में पूसा 1,121 धान की दैनिक आवक बढ़कर 10 हजार बोरी, डीपी धान की 50 हजार बोरी और पूसा 1,509 की पांच हजार बोरी की हुई।
बासमती चावल का ईरान और सऊदी अरब को नहीं हो रहा निर्यात
नरेला मंडी के चावल कारोबारी महेंद्र जैन ने बताया कि बासमती चावल के ईरान और सऊदी अरब को निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं, जिसका सीधा असर धान की कीमतों पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पूसा 1,121 बासमती चावल सेला का भाव घटकर 5,600 रुपये और पूसा 1,509 धान के सेला चावल काभाव 5,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। डीपी सेला चावल का भाव घटकर 4,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इन भाव में निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं, जबकि आगे मंडियों में आगे पूसा 1,211 और डीपी धान की दैनिक आवक बढ़ेगी, जिससे और गिरावट आने का अनुमान है। .............. आर एस राणा
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