आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2020-21 के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 4.61 फीसदी से 7.26 फीसदी की बढ़ोतरी की है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में सबसे कम गेहूं के समर्थन मूल्य में 4.61 फीसदी की बढ़ोतरी कर भाव 1,925 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। पिछले साल गेहूं के समर्थन मूल्य में 6.05 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।
सीसीईए की बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सरकार ने रबी फसलों के समर्थन मूल्य में 85 से 325 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। रबी की प्रमुख फसल गेहूं के समर्थन मूल्य में 85 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 1,925 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। रबी विपणन सीजन 2019-20 में गेहूं का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये प्रति क्विंटल था। पिछले रबी सीजन में गेहूं का समर्थन मूल्य 105 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया था।
सरसों का समर्थन मूल्य 225 रुपये बढ़ाया
जौ के समर्थन मूल्य में 5.90 फीसदी की बढ़ोतरी कर विपणन सीजन 2020-21 के लिए एमएसपी 1,525 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। पिछले रबी में इसका समर्थन मूल्य 1,440 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह से रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों के समर्थन मूल्य में 5.35 फीसदी यानि 225 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर 4,425 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया है। सफ्लावर के समर्थन मूल्य में 270 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 5,215 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
सबसे ज्यादा मसूर के एमएसपी में की है बढ़ोतरी
रबी दलहन की प्रमुख फसल चना का एमएसपी रबी विपणन सीजन 2020-21 के लिए 5.51 फीसदी बढ़ाकर 4,875 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि पिछले रबी सीजन में चना का समर्थन मूल्य 4,620 रुपये प्रति क्विंटल था। चालू रबी के लिए सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मसूर के समर्थन मूल्य में 7.26 फीसदी यानि 325 रुपये की कर भाव 4,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है जबकि पिछले रबी में इसका समर्थन मूल्य 4,475 रुपये प्रति क्विंटल था।
सीएसीपी फसलों के एमएसपी की करती है सिफारिश
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) रबी और खरीफ सीजन के लिए फसलों के एमएसपी की सिफारिश करती है, तथा आमतौर पर सीएसीपी की सिफारिशों पर ही सीसीईए की मोहर लग जाती है। समर्थन मूल्य पर धान के बाद गेहूं की ही सबसे ज्यादा खरीद होती है। केंद्रीय पूल के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से ज्यादा खरीद करता है। रबी विपणन सीजन 2019-20 में समर्थन मूल्य पर 341.32 लाख टन गेहूं की खरीद की गई थी। दलहन और तिलहन की खरीद नेफेड और एजेंसियां करती हैं, लेकिन इनकी खरीद कुल उत्पादन के मुकाबले काफी कम होती है।....... आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2020-21 के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 4.61 फीसदी से 7.26 फीसदी की बढ़ोतरी की है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में सबसे कम गेहूं के समर्थन मूल्य में 4.61 फीसदी की बढ़ोतरी कर भाव 1,925 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। पिछले साल गेहूं के समर्थन मूल्य में 6.05 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।
सीसीईए की बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सरकार ने रबी फसलों के समर्थन मूल्य में 85 से 325 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। रबी की प्रमुख फसल गेहूं के समर्थन मूल्य में 85 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 1,925 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। रबी विपणन सीजन 2019-20 में गेहूं का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये प्रति क्विंटल था। पिछले रबी सीजन में गेहूं का समर्थन मूल्य 105 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया था।
सरसों का समर्थन मूल्य 225 रुपये बढ़ाया
जौ के समर्थन मूल्य में 5.90 फीसदी की बढ़ोतरी कर विपणन सीजन 2020-21 के लिए एमएसपी 1,525 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। पिछले रबी में इसका समर्थन मूल्य 1,440 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह से रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों के समर्थन मूल्य में 5.35 फीसदी यानि 225 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर 4,425 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया है। सफ्लावर के समर्थन मूल्य में 270 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 5,215 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
सबसे ज्यादा मसूर के एमएसपी में की है बढ़ोतरी
रबी दलहन की प्रमुख फसल चना का एमएसपी रबी विपणन सीजन 2020-21 के लिए 5.51 फीसदी बढ़ाकर 4,875 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि पिछले रबी सीजन में चना का समर्थन मूल्य 4,620 रुपये प्रति क्विंटल था। चालू रबी के लिए सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मसूर के समर्थन मूल्य में 7.26 फीसदी यानि 325 रुपये की कर भाव 4,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है जबकि पिछले रबी में इसका समर्थन मूल्य 4,475 रुपये प्रति क्विंटल था।
सीएसीपी फसलों के एमएसपी की करती है सिफारिश
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) रबी और खरीफ सीजन के लिए फसलों के एमएसपी की सिफारिश करती है, तथा आमतौर पर सीएसीपी की सिफारिशों पर ही सीसीईए की मोहर लग जाती है। समर्थन मूल्य पर धान के बाद गेहूं की ही सबसे ज्यादा खरीद होती है। केंद्रीय पूल के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से ज्यादा खरीद करता है। रबी विपणन सीजन 2019-20 में समर्थन मूल्य पर 341.32 लाख टन गेहूं की खरीद की गई थी। दलहन और तिलहन की खरीद नेफेड और एजेंसियां करती हैं, लेकिन इनकी खरीद कुल उत्पादन के मुकाबले काफी कम होती है।....... आर एस राणा
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