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23 अक्तूबर 2019

समर्थन मूल्य से 350-600 रुपये नीचे दाम पर कपास बेचने को मजबूर हैं किसान

आर एस राणा
नई दिल्ली। कपास की कीमतों में आई गिरावट से किसानों को अपनी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 350-600 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है। उत्पादक मंडियों में कपास के दाम 4,950 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं, जबकि केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए लॉन्ग स्टेपल कपास का समर्थन मूल्य 5,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
कॉटन कार्पोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार निगम ने पंजाब और राजस्थान की मंडियों से कपास की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू कर दी है। हालांकि कपास में नमी का मात्रा ज्यादा होने के कारण खरीद सीमित मात्रा में ही की जा रही है। उन्होंने बताया कि मंडियों आ रही कपास में नमी की मात्रा 15 से 18 फीसदी की है जबकि निगम 12 फीसदी तक नमी वाली कपास की खरीद ही करती है। उन्होंने बतायाा कि हरियाणा की मंडियों से खरीद अभी शुरू नहीं हुई है। सीसीआई ने पिछले फसल सीजन में एमएसपी पर 10.7 लाख गांठ कपास की खरीद की थी। चालू सीजन में उत्पादन अनुमान ज्यादा है इसलिए खरीद भी ज्यादा मंडियों में बढ़ रही है कपास की दैनिक आवक
कमल कॉटन ट्रेडर्स प्रा. लिमिटेड के डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि मंडियों में कपास की दैनिक आवक लगातार बढ़ रही है, जबकि सीसीआई समर्थन मूल्य पर कम खरीद कर रही है। इसलिए भाव में गिरावट बनी हुई है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत के राज्यों की मंडियों में कपास के भाव घटकर 4,950 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार रह गए हैं। उत्तर भारत की मंडियों में कपास की दैनिक आवक 30 से 35 हजार गांठ (एक गांठ-170 किलो) की हो रही है। चालू सीजन में कपास का उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान है तथा आगे कपास की दैनिक आवक और बढ़ेगी, इसलिए मौजूदा कीमतों में और नरमी आ सकती है।
विश्व बाजार में कीमतों में आया सुधार
अहमदाबाद के कपास कारोबारी नरेश कुमार गुप्ता ने बताया कि अहमदाबादम में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव घटकर 38,500 से 39,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रह गए। पिछले साल इस समय भाव 41,000 से 42,000 रुपये प्रति कैंडी चल रहे थे। उन्होंने बताया कि विदेशी बाजार में कपास की कीमतों में चालू महीने में सुधार आया है। न्यूयार्क कॉटन के दिसंबर महीने के वायदा में कपास के भाव बढ़कर 64.99 सेंट प्रति पाउंड हो गए हैं जबकि 2 अक्टूबर को इसके भाव 61.35 सेंट प्रति पाउंड थे। उन्होंने बताया कि घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में 100 से 200 रुपये का और मंदा आया तो फिर निर्यात पड़ते लग सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस इस समय बंगलादेश की आयात मांग बनी हुई है।
कपास का उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार कपास का उत्पादन चालू खरीफ में बढ़कर 322.67 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल इसका उत्पादन केवल 287.08 लाख गांठ का ही हुआ था। सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए मीडियम स्टेपल कपास का समर्थन मूल्य 5,255 रुपये और लॉन्ग स्टेपल का 5,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।...... आर एस राणा

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