आर एस राणा
नई दिल्ली। ईरान और सऊदी अरब से बासमती चावल की आयात मांग कम होने के कारण धान की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। इसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। चालू सप्ताह में पूसा 1,509 धान की कीमतों में 200 रुपये और पूसा 1,121 धान की कीमतों में 300-400 रुपये का मंदा आ चुका है। पूसा 1,509 सेला चावल की कीमतों में सप्ताहभर में 550 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है।
कैथल मंडी के धान कारोबारी रामनिवास खुरानिया ने बताया कि मंडी में पूसा 1,509 धान के भाव घटकर गुरूवार को 2,450 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि पिछले सप्ताह इसके भाव 2,700 से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल थे। पूसा 1,509 बासमती चावल सेला के भाव 5,300 रुपये से घटकर 4,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। पूसा 1,509 धान की दैनिक आवक 10 हजार क्विंटल की हो रही है जबकि परमल की दैनिक आवक मंडी में एक लाख कट्टों की है। पूसा 1,121 धान के भाव घटकर गुरूवार को 3,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि सप्ताहभर पहले इसके भाव 3,500-3,600 रुपये प्रति क्विंटल थे। पूसा 1,121 की दैनिक आवक कम है, दीपावली के बाद इसकी दैनिक आवक बढ़ेगी।
नए निर्यात सौदे नहीं होने से घट रहे हैं भाव
नरेला मंडी के चावल कारोबारी महेंद्र जैन ने बताया कि ईरान के साथ ही सऊदी अरब को बासमती चावल के निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं, जिसका सीधा असर धान की कीमतों पर पड़ रहा है। मंडियों में धान की कीमतें पिछले साल की तुलना में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल नीचे आ चुकी हैं। उन्होंने बताया कि ईरान में भारतीय चावल निर्यातकों के करीब 1,500 रुपये करोड़ रुपये अब भी फंसे हुए हैं, जबकि करीब 500-600 करोड़ रुपये का चावल भारतीय बंदरगाहों पर पड़ा हुआ है। पुराना भुगतान नहीं हो रहा, इसलिए निर्यातक नए सौदे भी नहीं कर रहे। जिसका असर आगे धान की कीमतों पर और पड़ेगा।
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में निर्यात में आई कमी
एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले पांच महीनों, अप्रैल से अगस्त के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 10.27 फीसदी गिरावट आई है। कुल निर्यात 16.65 लाख टन का ही हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 18.54 लाख टन का निर्यात हुआ था। गैर-बासमती चावल का निर्यात भी चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में घटकर 21.26 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 33.29 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पांच महीनों में 12,619 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 13,629 करोड़ रुपये का हुआ था।.......... आर एस राणा
नई दिल्ली। ईरान और सऊदी अरब से बासमती चावल की आयात मांग कम होने के कारण धान की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। इसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। चालू सप्ताह में पूसा 1,509 धान की कीमतों में 200 रुपये और पूसा 1,121 धान की कीमतों में 300-400 रुपये का मंदा आ चुका है। पूसा 1,509 सेला चावल की कीमतों में सप्ताहभर में 550 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है।
कैथल मंडी के धान कारोबारी रामनिवास खुरानिया ने बताया कि मंडी में पूसा 1,509 धान के भाव घटकर गुरूवार को 2,450 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि पिछले सप्ताह इसके भाव 2,700 से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल थे। पूसा 1,509 बासमती चावल सेला के भाव 5,300 रुपये से घटकर 4,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। पूसा 1,509 धान की दैनिक आवक 10 हजार क्विंटल की हो रही है जबकि परमल की दैनिक आवक मंडी में एक लाख कट्टों की है। पूसा 1,121 धान के भाव घटकर गुरूवार को 3,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि सप्ताहभर पहले इसके भाव 3,500-3,600 रुपये प्रति क्विंटल थे। पूसा 1,121 की दैनिक आवक कम है, दीपावली के बाद इसकी दैनिक आवक बढ़ेगी।
नए निर्यात सौदे नहीं होने से घट रहे हैं भाव
नरेला मंडी के चावल कारोबारी महेंद्र जैन ने बताया कि ईरान के साथ ही सऊदी अरब को बासमती चावल के निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं, जिसका सीधा असर धान की कीमतों पर पड़ रहा है। मंडियों में धान की कीमतें पिछले साल की तुलना में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल नीचे आ चुकी हैं। उन्होंने बताया कि ईरान में भारतीय चावल निर्यातकों के करीब 1,500 रुपये करोड़ रुपये अब भी फंसे हुए हैं, जबकि करीब 500-600 करोड़ रुपये का चावल भारतीय बंदरगाहों पर पड़ा हुआ है। पुराना भुगतान नहीं हो रहा, इसलिए निर्यातक नए सौदे भी नहीं कर रहे। जिसका असर आगे धान की कीमतों पर और पड़ेगा।
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में निर्यात में आई कमी
एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले पांच महीनों, अप्रैल से अगस्त के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 10.27 फीसदी गिरावट आई है। कुल निर्यात 16.65 लाख टन का ही हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 18.54 लाख टन का निर्यात हुआ था। गैर-बासमती चावल का निर्यात भी चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में घटकर 21.26 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 33.29 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पांच महीनों में 12,619 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 13,629 करोड़ रुपये का हुआ था।.......... आर एस राणा
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