कुल पेज दृश्य

27 अक्तूबर 2019

आधार अनिवार्यता में छूट : पीएम किसान योजना की तीसरी किस्त से अभी वंचित है 4 करोड़ से ज्यादा किसान

आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के लिए केंद्र सरकार ने आधार की अनिवार्यता को बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया है, इसके बावजूद भी तीसरी किस्त का भुगतान अभी तक केवल 3.31 करोड़ किसानों को हो पाया है जबकि 7.48 करोड़ किसानों का रजिस्ट्रशन इस स्कीम में हो चुका है।
कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 9 अक्टूबर को पीएम-किसान सम्मान निधि के लिए आधार की अनिवार्यता को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया था। उसके बाद से किसानों को दूसरी और तीसरी किस्त की राशि भेजी जा रही है। इससे उन किसानों के बैंक खाते में भी पैसे पहुंचने लगे हैं जिन्होंने अब तक आधार लिंक नहीं करवाया था और इस वजह से उनकी किस्त रुकी हुई थी। उन्होंने बताया कि बैंक खाते और लाभार्थी के नाम में गड़बड़ी के कारण भी किसानों को भेजी जा किस्त में परेशानी आ रही है। इसको दूर करने के लिए लाभार्थियों द्वारा दिए मोबाइल नंबर पर सरकार मैसेज भेज रही हैं।
किसान सीधे पीएम-किसान योजना के पोर्टल पर कर रहे हैं आंकड़े दूरस्त
उन्होनें बताया कि अभी पीएम-किसान सम्मन निधि योजना में देशभर के 7.48 करोड़ किसानों का पंजीकरण हो चुका है जिनमें से 7.02 करोड़ किसानों को पहली, 5.94 करोड़ किसानों को दूसरी और 3.31 करोड़ किसानों को तीसरी किस्त का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को योजना के पात्र लाभार्थियों की पहचान करके लिस्ट भेजने के लिए कहा गया है, ताकि आगे परेशानी नहीं हो। उन्होंने बताया कि किसान अब सीधे पीएम-किसान योजना के पोर्टल पर भी अपना पंजीकरण कर रहे हैं, तथा बैंक खाते और आधार नंबर में गलती को भी ठीक कर रहे हैं।
देशभर के 14.5 करोड़ किसान इसके दायरे में आने का अनुमान
उन्होंने बताया कि किसानों को पीएम-किसान निधि योजना के लिए आधार से लिंक आगे अनिवार्य हो जायेगा। देशभर के 14.5 करोड़ किसान इस योजना के दायरे में आने का अनुमान है, जिस पर लगभग 87 हजार करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है लेकिन अभी तक लेकिन अब तक सिर्फ 27 हजार करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए हैं। पीएम-किसान निधि योजन के माध्यम को किसानों को 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में सालाना 6,000 रुपये दिए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने योजना के आरंभ में लघू एवं सीमांत किसानों को इस स्कीम में शामिल किया था, लेकिन बाद में जमीन की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया था।...... आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: