आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए तय कोटे की दालों का आयात मिलों को 31 अक्टूबर 2019 तक ही करना होगा। केंद्र सरकार ने दलहन आयात की समय सीमा को बढ़ाने से इनकार कर दिया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार मिलों को तय कोटे के मुताबिक दालों का आयात 31 अक्टूबर 2019 तक ही करना होगा। 31 अक्टूबर के बाद बंदरगाह पर पहुंचने वाली दालों को अनलोडिंग की अनुमति नहीं दी जायेगी। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 4 लाख टन अरहर, डेढ़ लाख टन मूंग, डेढ़ लाख टन उड़द तथा डेढ़ लाख टन मटर के आयात की अनुमति दी हुई है। खरीफ दालों की आवक उत्पादक मंडियों में शुरू हो चुकी है। चना और मसूर के आयात पर केंद्र सरकार ने आयात शुल्क लगाया हुआ है।
उत्पादक मंडियों में कई दालों के भाव अभी भी एमएसपी से नीचे
उत्पादक राज्यों बारिश और बाढ़ से खरीफ फसलों उड़द, मूंग और अरहर को नुकसान होने की आशंका है, जिससे उड़द और मूंग की कीमतों में सुधार आया है। उड़द के भाव बढ़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से उंचे हो गए हैं लेकिन मूंग, अरहर, चना और मसूर के भाव अभी भी समर्थन मूल्य से नीचे बने हुए हैं। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी चंद्रशेखर ने बताया कि मंडी में नई उड़द के भाव 6,000 से 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं जबकि केंद्र सरकार ने उड़द का एमएसपी 5,700 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। गुलबर्गा मंडी में अरहर 5,600 से 5,700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है जबकि अरहर का एसएसपी 5,800 रुपये प्रति क्विंटल है।
लारेंस रोड़ के दलहन कारोबारी राधाकिशन गुप्ता ने बताया कि नई मूंग राजस्थान की मंडियों में 5,600 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है जबकि मूंग का समर्थन मूल्य 7,050 रुपये प्रति क्विंटल है। मसूर का समर्थन मूल्य 4,475 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि मसूर के भाव मंडियों में 4,200 से 4,300 रुपये प्रति क्विंटल है। चना उत्पादक मंडियों में 3,800 से 4,200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, जबकि चना का समर्थन मूल्य 4,620 रुपये प्रति क्विंटल है।
सरकार कर रही है दलहन की कीमतों की समीक्षा
खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार दालों की कीमतों की हर सप्ताह समीक्षा कर रही है। उन्होंने बताया कि खुदरा में दालों की कीमतों में तेजी आई है।
खरीफ में दलहन उत्पादन घटने का अनुमान
कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 खरीफ सीजन में दालों का उत्पादन घटकर 82.30 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले खरीफ में इनका उत्पादन 85.90 लाख टन का हुआ था। फसल सीजन 2018-19 में दालों का कुल उत्पादन घटकर 234 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 254.2 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था। मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दालों की बुआई घटकर 134.02 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जो पिछले साल की समान अवधि में 136.40 लाख हेक्टेयर में दालों की बुआई हो चुकी थी।.,..............आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए तय कोटे की दालों का आयात मिलों को 31 अक्टूबर 2019 तक ही करना होगा। केंद्र सरकार ने दलहन आयात की समय सीमा को बढ़ाने से इनकार कर दिया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार मिलों को तय कोटे के मुताबिक दालों का आयात 31 अक्टूबर 2019 तक ही करना होगा। 31 अक्टूबर के बाद बंदरगाह पर पहुंचने वाली दालों को अनलोडिंग की अनुमति नहीं दी जायेगी। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 4 लाख टन अरहर, डेढ़ लाख टन मूंग, डेढ़ लाख टन उड़द तथा डेढ़ लाख टन मटर के आयात की अनुमति दी हुई है। खरीफ दालों की आवक उत्पादक मंडियों में शुरू हो चुकी है। चना और मसूर के आयात पर केंद्र सरकार ने आयात शुल्क लगाया हुआ है।
उत्पादक मंडियों में कई दालों के भाव अभी भी एमएसपी से नीचे
उत्पादक राज्यों बारिश और बाढ़ से खरीफ फसलों उड़द, मूंग और अरहर को नुकसान होने की आशंका है, जिससे उड़द और मूंग की कीमतों में सुधार आया है। उड़द के भाव बढ़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से उंचे हो गए हैं लेकिन मूंग, अरहर, चना और मसूर के भाव अभी भी समर्थन मूल्य से नीचे बने हुए हैं। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी चंद्रशेखर ने बताया कि मंडी में नई उड़द के भाव 6,000 से 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं जबकि केंद्र सरकार ने उड़द का एमएसपी 5,700 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। गुलबर्गा मंडी में अरहर 5,600 से 5,700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है जबकि अरहर का एसएसपी 5,800 रुपये प्रति क्विंटल है।
लारेंस रोड़ के दलहन कारोबारी राधाकिशन गुप्ता ने बताया कि नई मूंग राजस्थान की मंडियों में 5,600 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है जबकि मूंग का समर्थन मूल्य 7,050 रुपये प्रति क्विंटल है। मसूर का समर्थन मूल्य 4,475 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि मसूर के भाव मंडियों में 4,200 से 4,300 रुपये प्रति क्विंटल है। चना उत्पादक मंडियों में 3,800 से 4,200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, जबकि चना का समर्थन मूल्य 4,620 रुपये प्रति क्विंटल है।
सरकार कर रही है दलहन की कीमतों की समीक्षा
खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार दालों की कीमतों की हर सप्ताह समीक्षा कर रही है। उन्होंने बताया कि खुदरा में दालों की कीमतों में तेजी आई है।
खरीफ में दलहन उत्पादन घटने का अनुमान
कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 खरीफ सीजन में दालों का उत्पादन घटकर 82.30 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले खरीफ में इनका उत्पादन 85.90 लाख टन का हुआ था। फसल सीजन 2018-19 में दालों का कुल उत्पादन घटकर 234 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 254.2 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था। मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दालों की बुआई घटकर 134.02 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जो पिछले साल की समान अवधि में 136.40 लाख हेक्टेयर में दालों की बुआई हो चुकी थी।.,..............आर एस राणा
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