आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) में चीनी का उत्पादन घटकर 280 से 290 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 331 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गन्ना उत्पादक राज्यों से मिली सुचना के मुताबिक चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 12 से 13 फीसदी घटने की आशंका है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में महाराष्ट्र में सूखे और बाढ़ से गन्ने की फसल को नुकसान हुआ है इसलिए महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन कम रहेगा। महाराष्ट्र में पिछले साल 107 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, जबकि चालू पेराई सीजन में राज्य में चीनी के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में करीब 40 लाख टन की कमी आने की आशंका है। कर्नाटक में भी चालू पेराई सीजन में चीनी के उत्पादन अनुमान में कमी आने की आशंका है।
केंद्र सरकार ने नहीं बढ़ाया एफआरपी
उन्होंने बताया कि चीनी मिलों ने आंशिक रुप से गन्ने के पेराई शुरू कर दी है, लेकिन 15 नवंबर से ही गन्ने की पेराई में तेजी आने का अनुमान है। देशभर में 534 चीनी मिलें हैं। चालू पेराई सीजन 2019—20 के लिए केंद्र सरकार ने गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में बढ़ोतरी नहीं की है तथा भाव पिछले पेराई सीजन 275 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रखा है। आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में किसानों को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित एफआरपी के आधार पर गन्ने का भुगतान किया जाता है जबकि अन्य गन्ना उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु आदि में राज्य सरकारें गन्ने का राज्य परामार्श मूल्य (एसएपी) करती हैं।
उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर गन्ने का बकाया ज्यादा
पहली अक्टूबर 2019 से गन्ने का नया पेराई सीजन आरंभ हो चुका है लेकिन अभी भी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिलों पर किसानों का बकाया है। सबसे ज्यादा बकाया उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर अभी किसानों का करीब 4,000 करोड़ से ज्यादा है। चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।...... आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) में चीनी का उत्पादन घटकर 280 से 290 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 331 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गन्ना उत्पादक राज्यों से मिली सुचना के मुताबिक चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 12 से 13 फीसदी घटने की आशंका है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में महाराष्ट्र में सूखे और बाढ़ से गन्ने की फसल को नुकसान हुआ है इसलिए महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन कम रहेगा। महाराष्ट्र में पिछले साल 107 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, जबकि चालू पेराई सीजन में राज्य में चीनी के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में करीब 40 लाख टन की कमी आने की आशंका है। कर्नाटक में भी चालू पेराई सीजन में चीनी के उत्पादन अनुमान में कमी आने की आशंका है।
केंद्र सरकार ने नहीं बढ़ाया एफआरपी
उन्होंने बताया कि चीनी मिलों ने आंशिक रुप से गन्ने के पेराई शुरू कर दी है, लेकिन 15 नवंबर से ही गन्ने की पेराई में तेजी आने का अनुमान है। देशभर में 534 चीनी मिलें हैं। चालू पेराई सीजन 2019—20 के लिए केंद्र सरकार ने गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में बढ़ोतरी नहीं की है तथा भाव पिछले पेराई सीजन 275 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रखा है। आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में किसानों को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित एफआरपी के आधार पर गन्ने का भुगतान किया जाता है जबकि अन्य गन्ना उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु आदि में राज्य सरकारें गन्ने का राज्य परामार्श मूल्य (एसएपी) करती हैं।
उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर गन्ने का बकाया ज्यादा
पहली अक्टूबर 2019 से गन्ने का नया पेराई सीजन आरंभ हो चुका है लेकिन अभी भी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिलों पर किसानों का बकाया है। सबसे ज्यादा बकाया उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर अभी किसानों का करीब 4,000 करोड़ से ज्यादा है। चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।...... आर एस राणा
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