नई दिल्ली। अक्टूबर 2025 में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 9 फीसदी घटकर 1,332,173 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल अक्टूबर में इनका आयात 1,459,814 टन का हुआ था। इस दौरान खाद्य तेलों का आयात 1,327,548 टन का एवं अखाद्य तेलों का आयात 4,625 टन का हुआ है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार तेल वर्ष 2024 से 2025 के दौरान देश में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 1 फीसदी बढ़कर 163.6 लाख टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 162.3 लाख टन का हुआ था।
आपूर्ति और मांग के बीच के अंतर को पाटने के लिए भारत ने 1990 के दशक से खाद्य तेलों के आयात का सहारा लिया था। शुरुआती दौर में, आयात की मात्रा बहुत कम थी। हालांकि, पिछले 20 वर्षों (2004-05 से 2024-25) में आयात की मात्रा 2.2 गुना बढ़ गई है, जबकि आयात की लागत लगभग 15 गुना बढ़ गई है। तेल वर्ष 2024-25 में भारत को 160 लाख टन (16.0 मिलियन टन) खाद्य तेलों के आयात पर लगभग 1.61 लाख करोड़ रुपये (18.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर) खर्च करने होंगे।
साफ्टा समझौते के तहत नवंबर 2024 से अक्टूबर 2025 के दौरान नेपाल से भारत में शून्य शुल्क पर 7.5 लाख टन आयात हुआ है।
1 नवंबर, 2025 तक विभिन्न बंदरगाहों पर खाद्य तेलों का स्टॉक 1,003,000 टन (सीपीओ और सीपीकेओ 560,000 टन, आरबीडी पामोलिन 10,000 टन, डिगम्ड सोयाबीन तेल 270,000 टन, क्रूड सूरजमुखी तेल 160,000 टन और रेपसीड तेल 3,000 टन) अनुमानित है। घरेलू उत्पादन और खपत को ध्यान में रखते हुए पाइपलाइन स्टॉक 728,000 टन का है। 1 नवंबर, 2025 तक कुल स्टॉक 1,731,000 टन होने का अनुमान है, जबकि 1 अक्टूबर, 2025 तक कुल स्टॉक 1,985,000 टन था, जो अक्टूबर 2025 में आयात में आई कमी के कारण 254,000 टन कम हुआ है।
भारत सरकार ने 31 मई, 2025 से प्रभावित क्रूड और रिफाइंड तेलों के बीच शुल्क अंतर को 8.25 फीसदी से बढ़ाकर 19.25 फीसदी कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप रिफाइंड पाम तेल का आयात बंद हो गया। हालांकि साफ्टा समझौते के तहत शून्य शुल्क पर नेपाल से भारत को बड़ी मात्रा में रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात हुआ। नवंबर 24-अक्टूबर 25 के दौरान 1,931,254 टन की तुलना में 1,737,228 टन रिफाइंड तेलों का आयात किया गया और नवंबर 23-अक्टूबर 24 में 14,031,317 टन की तुलना में 14,273,520 टन क्रूड तेल का आयात किया गया। आरबीडी पामोलीन के कम आयात के कारण रिफाइंड तेल के आयात का अनुपात 12 फीसदी से मामूली रूप से घटकर 11 फीसदी रह गया।
सोया तेल के आयात ने 2024-25 (नवंबर-अक्टूबर) के दौरान 54.7 लाख टन का नया रिकॉर्ड बनाया है, जिसने 2015-16 में 42.3 लाख टन के पिछले उच्च आयात को तोड़ दिया। नवंबर 2024 से अक्टूबर 2025 के दौरान, पाम तेल का आयात नवंबर 2023 से अक्टूबर 2024 के 9,015,574 टन से घटकर 7,582,742 टन रह गया। जबकि सोया तेल के आयात में तीव्र वृद्धि के कारण सॉफ्ट तेलों का आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 6,946,996 टन से बढ़कर 8,428,006 टन का हो गया। इस दौरान पाम तेल की हिस्सेदारी 56 फीसदी से घटकर 47 फीसदी रह गई, जबकि सॉफ्ट ऑयल की हिस्सेदारी 44 फीसदी से बढ़कर 53 फीसदी की हो गई।
सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में आयातित खाद्य तेलों के दाम भारतीय बंदरगाह पर कमजोर हुए हैं। अक्टूबर में आरबीडी पामोलिन का भाव भारतीय बंदरगाह पर घटकर 1,106 डॉलर प्रति टन रह गया, जबकि सितंबर में इसका भाव 1,119 डॉलर प्रति था। इसी तरह से क्रूड पाम तेल का भाव भारतीय बंदरगाह पर अक्टूबर में घटकर 1,148 डॉलर प्रति टन रह गया, जबकि सितंबर में इसका भाव 1,164 डॉलर प्रति टन था। क्रूड सोया तेल का भाव अक्टूबर में भारतीय बंदरगाह पर 1,181 डॉलर प्रति टन रह गया, जोकि सितंबर में इसका भाव 1,182 डॉलर प्रति टन था।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें