नई दिल्ली। अक्टूबर में देश से कैस्टर तेल का निर्यात 5.20 फीसदी बढ़कर 50,485 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल अक्टूबर में इसका निर्यात केवल 47,950 टन का ही हुआ था।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार मूल्य के हिसाब से अक्टूबर में कैस्टर तेल का निर्यात 694.82 करोड़ रुपये का हुआ है, जो कि पिछले साल अक्टूबर के 598.41 करोड़ रुपये की तुलना में ज्यादा है।
एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले 7 महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान कैस्टर तेल का निर्यात 398,985 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात 436,595 टन का हुआ था।
एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले 7 महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान मूल्य के हिसाब से कैस्टर तेल का निर्यात 5,315.28 करोड़ रुपये का हुआ है।
गुजरात में गुरुवार को कैस्टर सीड के भाव 1,330 से 1,360 रुपये प्रति 20 किलो पर स्थिर हो गए, जबकि दैनिक आवक 30 हजार बोरियों (1 बोरी=75 किलोग्राम) की हुई। राजकोट में कैस्टर तेल कमर्शियल के दाम 2 रुपये कमजोर होकर 1,373 रुपये प्रति 10 किलो रह गए, जबकि एफएसजी के दाम 1,385 रुपये प्रति 10 किलो पर स्थिर हो गए। राजस्थान में कैस्टर सीड की आवक 5,000 बोरियों और सीधी मिलो में 3,000 बोरियों की आवक हुई।
व्यापारियों के अनुसार हाल ही में कैस्टर सीड के दाम तेज हुए, जिस कारण उत्पादक मंडियों में इसकी दैनिक आवकों में बढ़ोतरी हुई है।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2024-25 के दौरान कैस्टर सीड का उत्पादन 17.30 लाख टन का ही होने का अनुमान है, जोकि इसके पिछले फसल सीजन के दौरान उत्पादन 19.59 लाख टन का हुआ था।

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