कुल पेज दृश्य

20 नवंबर 2025

केंद्र ने 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी, विश्व बाजार में भाव में हल्का सुधार

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पहली अक्टूबर 2025 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2025-26 (अक्टूबर से सितंबर) के लिए 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। अत: भारत सरकार द्वारा उम्मीद से कम कोटे की अनुमति से जहां विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में हल्का  सुधार आया, वहीं घरेलू बाजार में इसके दाम स्थिर बनी रहे।


केंद्र सरकार ने पिछले तीन चीनी सत्रों के दौरान चीनी के औसत उत्पादन को ध्यान में रखते हुए चालू पेराई सीजन में चीनी मिलों के बीच आनुपातिक आधार पर 15 लाख टन का निर्यात कोटा आवंटित किया गया है।

चीनी मिल, रिफाइनरी एवं निर्यातक द्वारा उल्लिखित मात्रा तक सभी ग्रेड की चीनी का निर्यात किया जा सकता है। पिछले तीन चीनी पेराई सत्रों में से कम से कम एक चीनी सत्र में संचालित होने वाली चीनी मिलों के बीच 15 लाख टन का निर्यात कोटा आनुपातिक आधार पर निर्धारित किया गया है, जिसमें पिछले तीन चालू चीनी पेराई सत्र पेराई सीजन 2022-23 एवं पेराई सीजन 2023-24 के अलावा पेराई सीजन 2024-25 के दौरान उनके औसत चीनी उत्पादन को ध्यान में रखा गया है। सभी चीनी मिलों को उनके तीन वर्षों के औसत चीनी उत्पादन का 5.286 फीसदी निर्यात कोटा आवंटित किया गया है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे पत्र में खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि चालू पेराई सीजन के लिए केंद्र सरकार ने 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने का निर्णय लिया है और शीरे पर 50 फीसदी निर्यात शुल्क को हटा दिया गया है।

घरेलू बाजार में शनिवार को चीनी की थोक कीमत स्थिर बनी रही। दिल्ली में एम 30 ग्रेड चीनी के दाम 4,320 रुपये और मुंबई में 4,120 रुपये तथा कोलकाता में 4,400 रुपये तथा हैदराबाद में 4,180 रुपये और कानपुर में 4,280 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

चालू सप्ताह के अंत में शुक्रवार को आईसीई शुगर वायदा में तेजी देखने को मिली थी, क्योंकि भारत द्वारा अपेक्षा से कम निर्यात कोटा तय किए जाने और ब्राजील में शुगर मिक्स घटने से ग्लोबल सप्लाई आउटलुक से कीमतों को सहारा मिला। इसके साथ ही क्रूड ऑयल में मजबूती ने भी मार्केट सेंटीमेंट सुधारने में योगदान दिया।

चालू सप्ताह के अंत में मार्च आईसीई रॉ शुगर वायदा बढ़कर 14.96 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ था, जो 3 हफ्तों का ऊपरी स्तर है। दिसंबर लंदन व्हाइट शुगर भी इस दौरान बढ़कर 431.60 डॉलर प्रति टन पर बंद हुआ। रॉ–व्हाइट शुगर प्रीमियम में हल्की मजबूती देखी गई क्योंकि रिफाइंड शुगर की कीमतों में अधिक तेजी रही।

भारत के खाद्य मंत्रालय पेराई सीजन 2025–26 के लिए केवल 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है, जबकि बाजार 20 लाख टन की उम्मीद कर रहा था। कम कोटा से विश्व बाजार में भारत की सप्लाई सीमित रहने की संभावना है।

ब्राजील की मिलों ने अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में सिर्फ 46 फीसदी गन्ना शुगर प्रोडक्शन के लिए इस्तेमाल किया। अत: अधिक गन्ना एथेनॉल की ओर शिफ्ट होने से शुगर आउटपुट घटा, जिससे बाजार हल्का सपोर्ट मिला है।

कोई टिप्पणी नहीं: