नई दिल्ली। चालू तेल वर्ष 2023-24 के पहले 9 महीनों नवंबर 23 से जुलाई 24 के दौरान देश में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात एक फीसदी घटकर 121.24 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 122.55 लाख टन का हुआ था।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार जुलाई 2024 में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 7 फीसदी बढ़कर 1,895,076 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल जुलाई में इनका आयात 1,771,833 टन का ही हुआ था। जुलाई 2024 के दौरान खाद्वय तेलों का आयात 1,840,062 टन का एवं अखाद्य तेलों का आयात 55,014 टन का हुआ है।
देश में जुलाई 2024 के दौरान 10.81 लाख टन रिकॉर्ड पाम तेल का आयात किया है, जोकि नवंबर 2022 के बाद सबसे अधिक है। नवंबर 2022 में इसका आयात 11.41 लाख टन का हुआ था।
एसईए के अनुसार तेल वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों के आयात में 23 फीसदी की बड़ी गिरावट आई थी, क्योंकि घरेलू उपलब्धता ज्यादा थी। हालांकि, दूसरी तिमाही में इनके आयात में 4 फीसदी की मामूली वृद्धि देखी गई। तीसरी तिमाही में आयात में 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। देश में आमतौर पर त्योहारी सीजन के कारण जुलाई 2024 में खाद्वय तेलों का आयात ज्यादा मात्रा में होता है। आयात में हुई बढ़ोतरी के कारण कांडला बंदरगाह पर भीड़ बढ़ गई, जिससे बर्थ मिलने में 8 से 10 दिनों की देरी हुई।
तेल वर्ष 2023-24 के पहले नौ महीनों में, देश में 1,518,671 टन रिफाइंड तेल (आरबीडी पामोलिन) का आयात किया, जोकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि के दौरान आयात किए गए 1,640,960 टन की तुलना में 7 फीसदी कम है। इस दौरान 10,416,556 टन क्रूड तेल का आयात किया गया, जोकि नवंबर 2022 एवं जुलाई 2023 के 10,481,751 टन की तुलना में 1 फीसदी कम है।
जून के मुकाबले जुलाई में अधिकांश आयातित खाद्वय तेलों की कीमतों में तेजी का रुख रहा। जुलाई में भारतीय बंदरगाह पर आरबीडी पामोलिन का भाव बढ़कर 949 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि जून में इसका दाम 924 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रूड पाम तेल का दाम जुलाई में बढ़कर 979 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि जून में इसका भाव 954 डॉलर प्रति टन था। क्रूड सोयाबीन तेल का भाव जुलाई में बढ़कर भारतीय बंदरगाह पर 1,054 डॉलर प्रति टन का हो गया, जबकि जून में इसका भाव 1,049 डॉलर प्रति टन था। हालांकि क्रूड सनफ्लावर तेल का भाव भारतीय बंदरगाह पर जून के 1,065 डॉलर से घटकर जुलाई में 1,043 डॉलर प्रति टन रह गया।
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