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28 अगस्त 2024

जुलाई में डीओसी का निर्यात 18 फीसदी बढ़ा - एसईए

नई दिल्ली। जुलाई में देश से डीओसी के निर्यात में 18 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 451,794 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल जुलाई में इनका निर्यात केवल 381,302 टन का ही हुआ था।


सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान डीओसी के निर्यात में 2 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 1,554,426 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 1,591,348 टन का ही हुआ था। निर्यात में कमी का प्रमुख कारण सरसों डीओसी एवं कैस्टर डीओसी के निर्यात में कमी तथा निर्यात पर प्रतिबंध के कारण सितंबर 2023 से राइस ब्रान डीओसी का निर्यात न होना है।

एसईए के अनुसार केंद्र सरकार ने राइस ब्रान डीओसी के निर्यात पर प्रतिबंध को 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ाने का फैसला किया है। इससे पश्चिम बंगाल में स्थित राइस ब्रान डीओसी बनाने वाली इकाइयां प्रभावित होंगी।

चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों (अप्रैल से जुलाई 2024) में सोया डीओसी का निर्यात बढ़कर 6.92 लाख टन का हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4.20 लाख टन का हुआ था। बढ़ोतरी का प्रमुख कारण ईरान और फ्रांस द्वारा अधिक आयात किया गया। बांग्लादेश, भारत से सरसों खली का एक प्रमुख आयातक है तथा बांग्लादेश में मौजूदा संकट से सरसों खली के निर्यात पर अस्थायी रूप से रोक लग सकती है, जिसका निर्यात मुख्य रूप से सड़क या रेल रेक द्वारा किया जाता है।

भारतीय बंदरगाह पर जुलाई में सोया डीओसी का भाव घटकर 489 डॉलर प्रति टन रह गया, जबकि जून में इसका दाम 497 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान सरसों डीओसी का मूल्य जुलाई में भारतीय बंदरगाह पर घटकर 286 डॉलर प्रति टन रह गया, जबकि जून में इसका भाव 289 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान कैस्टर डीओसी का दाम जून के 82 डॉलर प्रति टन से बढ़कर जुलाई में 84 डॉलर प्रति टन हो गया।

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