नई दिल्ली। गेहूं की कीमतों को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर स्टॉक सीमा की मात्रा में कटौती कर दी है। केंद्रीय खाद्वय एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार गेहूं की जमाखोरी रोकने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल प्रभाव से थोक विक्रेताओं, खुदरा व्यापारियों, बिग चेन रिटेलर्स और मिलर्स के लिए स्टॉक लिमिट में कटौती करने का फैसला किया गया है।
सरकार ने ट्रेडर्स होलसेलर्स के लिए गेहूं की स्टॉक लिमिट को 2,000 टन से घटाकर 1,000 टन करने का फैसला किया है। सरकार ने यह फैसला गेहूं की जमाखोरी और होर्डिंग रोकने के लिए लिया है जिससे बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ाई जा सकें। इसी तरह से रिटेलर्स के लिए स्टॉक लिमिट को 10 टन से घटाकर 5 टन, बिग चेन रिटेलर्स के लिए आउटलेट में 10 टन से घटाकर 5 टन करने का फैसला लिया है। मिलर्स के मामले में मासिक स्थापित क्षमता का 70 फीसदी 2023-24 के शेष महीनों से गुणा करके रख सकते हैं।
संशोधित स्टॉक सीमा तत्काल प्रभाव से लागू होगी, तथा व्यापारियों को स्टॉक को संशोधित सीमा तक कम करने के लिए 30 दिन का समय मिलेगा।
मंत्रालय के अनुसार सभी संस्थाओं को गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। साथ ही हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति को अपडेट करनी होगी। यदि कोई भी संस्था, जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाई गई या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है, उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले केंद्र सरकार ने 14 सितंबर 2023 को थोक विक्रेताओं और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के लिए गेहूं पर स्टॉक सीमा को 3,000 टन से घटाकर 2,000 टन किया था।
केंद्र सरकार ने 12 जून 2023 को गेहूं के व्यापारियों, थोक विक्रेताओं और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं पर मार्च 2024 तक 3,000 टन की स्टॉक सीमा लगाई थी, जिसे 14 सितंबर 2023 को कम कर दिया था।
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