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10 मई 2023

बर्मा में दाम तेज होने से अरहर एवं उड़द के भाव बढ़े, मूंग तथा मसूर की कीमतें स्थिर

नई दिल्ली। बर्मा में दाम तेज होने के साथ ही दाल मिलों की ग्राहकी बनी रही से घरेलू बाजार में मंगलवार को अरहर एवं उड़द के भाव बढ़ गए, जबकि इस दौरान चना के दाम नरम हुए। मूंग तथा मसूर की कीमतें लगभग स्थिर बनी रही। 


बर्मा के स्थानीय बाजार में उड़द के साथ ही लेमन अरहर की कीमतों में सुधार आया। उड़द एफएक्यू और एसक्यू के दाम मई शिपमेंट की फसल सीजन 2023 के 10-10 डॉलर तेज होकर क्रमश: 950 डॉलर प्रति टन और 1,050 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ हो गए। इस दौरान लेमन अरहर के भाव लगातार दूसरे दिन पांच डॉलर तेज होकर दाम 1,060 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ हो गए। सूत्रों के अनुसार बढ़ी हुई कीमतों में भारतीय आयातकों ने नए आयात सौदे नहीं किए।

बर्मा में दाम तेज होने के बावजूद भी घरेलू बाजार में उड़द में मिलाजुला रुख रहा। व्यापारियों के अनुसार उड़द के आयात पड़ते महंगे हैं, इसलिए आयातक नीचे दाम पर बिकवाली नहीं कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार केंद्र सरकार की सख्ती के कारण पिछले डेढ़, दो महीनों में आयातित उड़द कम आई है, जिस कारण घरेलू बाजार में आयातित उड़द का हाजिर में स्टॉक कम हुआ है। इसलिए उड़द के भाव में घरेलू बाजार में अभी बड़ी गिरावट के आसार तो नहीं है, लेकिन उड़द दाल में दक्षिण भारत की मांग कमजोर है, दूसरा आगामी दिनों में उत्पादक राज्यों में नई उड़द की आवक बढ़ेगी। ऐसे में नई उड़द की आवक बढ़ने पर इसके भाव में नरमी आने का अनुमान है। इसलिए उड़द में बढ़ी हुई कीमतों में बिक्री करते रहना चाहिए।

घरेलू बाजार में आयातित अरहर के साथ ही देसी अरहर के दाम सुबह के सत्र में तेज हुए थे, लेकिन शाम के सत्र में नरमी आई। जानकारों के अनुसार बढ़े दाम पर दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही अरहर की खरीद कर रही हैं। बर्मा में लेमन अरहर की कीमतों में लगातार दूसरे दिन सुधार आया है, जिस कारण आयातित अरहर, देसी की तुलना में महंगी हुई है। साथ ही घरेलू मंडियों में देसी अरहर की आवकों में काफी कमी आई है। इसलिए अरहर की कीमतों में अभी बड़ी गिरावट के आसार तो नहीं है लेकिन अरहर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है। दूसरा सरकार की सख्ती को देखते हुए स्टॉकिस्ट भी जरुरत के हिसाब से ही खरीद नहीं कर रहे हैं। इसलिए अरहर की कीमतों में तेजी आने पर स्टॉक हल्का करना चाहिए।

देसी मसूर के साथ ही बंदरगाह पर आयातित के दाम स्थिर हो गए। व्यापारियों के अनुसार मसूर दाल में खपत राज्यों की मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है, जबकि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों में मसूर की आवक बनी रहेगी। चालू रबी सीजन में मसूर की बुआई पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई थी। उधर ऑस्ट्रेलिया के साथ ही कनाडा से मसूर का आयात बराबर बना रहेगा। हालांकि इसके दाम पहले ही काफी नीचे के हैं, इसलिए कीमतों में अभी सीमित तेजी, मंदी बनी रहने के आसार हैं। नेफेड ने 13,315.65 टन 2020 में आयात की हुई मसूर को बेचने के लिए निविदा मांगी है।


दाल मिलों की मांग कमजोर होने से चना की कीमतें दूसरे दिन भी कमजोर हुई। जानकारों के अनुसार चना दाल एवं बेसन में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है इसलिए दाल मिलें जरुरत के हिसाब से ही चना की खरीद कर रही हैं। नेफेड चालू रबी में एमएसपी पर 17.91 लाख टन चना की खरीद कर चुकी है, जबकि केंद्रीय पूल में 14 लाख टन चना का पुराना स्टॉक है। हालांकि उत्पादक मंडियों में चना के दाम एमएसपी से काफी नीचे के बने हुए हैं, इसलिए बड़ी गिरावट के आसार तो नहीं है, लेकिन एकतरफा तेजी भी नहीं आयेगी।

मूंग के दाम दाम स्थिर हो गए। हालांकि सोमवार को स्टॉकिस्ट नेदाम तेज किए थे। लेकिन बड़ी कीमतों में मिलों की खरीद नहीं बढ़ पाई। जानकारों के अनुसार उत्पादक राज्यों में आगामी दिनों में नई मूंग की आवक बढ़ेगी, तथा चालू सीजन में उत्पादन अनुमान ज्यादा है। इसलिए इसकी कीमतों में तेजी मानकर ही व्यापार नहीं करना चाहिए। मूंग दाल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है। अत: मिलर्स भी जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में मार्कफेड ने मूंग बेचने के लिए जो निविदा मांगी थी, उन्हें रद्द कर दिया है।

चेन्नई में नई उड़द एसक्यू के दाम हाजिर डिलीवरी के दाम 50 रुपये तेज होकर दाम 8550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान जून डिलीवरी उड़द एसक्यू के दाम 8700 रुपये और जुलाई के 8900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दिल्ली में उड़द एफएक्यू के दाम 8100 रुपये और एसक्यू के 8900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

मुंबई में उड़द एफएक्यू के दाम 7850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

चेन्नई में लेमन अरहर हाजिर डिलीवरी के भाव 8500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, जबकि जून डिलीवरी के भाव 25 रुपये कमजोर होकर 8675 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जुलाई डिलीवरी की लेमन अरहर के भाव 25 घटकर 8875 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मुंबई में लेमन अरहर के दाम 100 रुपये तेज होकर दाम 8550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के दाम भी तेज हुए। मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें 100 रुपये बढ़कर 7300 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। इस दौरान मलावी से आयातित अरहर के भाव 100 रुपये तेज होकर 7100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मोजाम्बिक की सफेद अरहर के भाव 100 रुपये बढ़कर 7400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सूडान से आयातित अरहर के दाम 100 रुपये बढ़कर 8850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दाल मिलों की सीमित खरीद से मध्य प्रदेश की मसूर के दाम दिल्ली में 5850 से 5875 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान कनाडा की मसूर के दाम 5,875 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें वैसल में 5,600 से 5,625 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। इस दौरान मुंद्रा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के दाम 5,625 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हजिरा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के भाव 5,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो रह गए। कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,000 से 6,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई।

दिल्ली में राजस्थान के नए चना के भाव 25 रुपये कमजोर होकर दाम 5,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,025 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

राजस्थान लाईन की मूंग की कीमतें दिल्ली में 8500 से 8700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। इंदौर में बेस्ट क्वालिटी की मूंग के दाम 8400 से 8500 रुपये एवं मीडियम के 6700 से 6800 प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। लातूर में चमकी मूंग के दाम 150 रुपये कमजोर होकर 8500 से 8250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।  

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