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30 जून 2023

तेल मिलों की सीमित खरीद से सरसों के दाम स्थिर, दैनिक आवकों में कमी

नई दिल्ली। तेल मिलों की सीमित खरीद से घरेलू बाजार में गुरुवार को सरसों की कीमतों में लगातार पांच दिनों से चली आ रही तेजी रुक गई, तथा इसके दाम स्थिर हो गए। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक घटकर चार लाख बोरियों पर स्थिर हो गई।  


व्यापारियों के अनुसार त्योहार के कारण व्यापारिक गतिविधियां कमजोर रही। उधर शिकागो में सोया तेल की कीमतें तेज ही बनी रही। हालांकि घरेलू बाजार में मिलाजुला रुख रहा, जहा सरसों के दाम स्थिर बने रहे, वहीं सरसों तेल की कीमतें नरम हुई। हालांकि ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में आज 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की।

आगरा में कंडीशन की सरसों के भाव 5,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, तथा चालू सप्ताह में इसके दाम 200 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हो गए

रबी सीजन में नेफेड ने न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 9,19,542 टन सरसों की खरीद की थी।  

व्यापारियों के अनुसार उत्पादक राज्यों की मंडियों में आज सरसों की दैनिक आवकों में कमी आई है, लेकिन चालू सीजन में सरसों का उत्पादन अनुमान ज्यादा है, इसलिए किसानों के साथ ही व्यापारियों के पास सरसों का बकाया स्टॉक ज्यादा है। हालांकि सरसों एवं इसके तेल की कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक आयातित खाद्वय तेलों के दाम पर भी निर्भर करेगी।

अमेरिका के सोयाबीन के उत्पादक राज्यों में मौसम बेहतर हुआ है, साथ ही कनाडाई कैनोला के रकबे में वृद्धि से आपूर्ति बढ़ रही है। इसके विपरीत, अमेरिका में बायोडीजल फीडस्टॉक के रूप में सोया तेल की कमजोर मांग और चीन और यूरोप में सोया तेल की खपत में कमी, जो रेपसीड और सूरजमुखी तेल के बाजार में हिस्सेदारी खो रही है, ने भी विश्व बाजार में मांग को कम किया है। अत: आगामी दिनों में सोया तेल की कीमतों में नरमी आने का अनुमान है।

शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल की कीमतें 0.52 फीसदी तेज हो गई।

जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें गुरुवार को छह दिनों की तेजी के बाद 6-6 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमश: 1,022 रुपये और 1,012 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। इस दौरान सरसों खल के दाम पांच रुपये तेज होकर 2595 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक गुरुवार को घटकर चार लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक पांच लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में दो लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 40 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 50 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 30 हजार बोरी तथा गुजरात में 15 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 65 हजार बोरियों की आवक हुई।

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